नया सबेरा नेटवर्क
जो कहता है हमसे डरो ना,
हर जगह इसने मचाया है ऐसा युद्ध घमासान,
पूरा विश्व है आज इससे परेशान,
होटल, विद्यालय, कार्यालय सब हो रहे बंद है,
कौन क्या है, इससे फर्क नहीं सब आज घर में बंद हैं,
लेकिन हमें डरना नहीं है,
वो कोरोना है तो हम भी इंसान है,
आज साथ ना होकर भी एक साथ है,
हम सबके अंदर होता है एक योद्धा
खाली उस योद्धा को जगाना है,
इस युद्ध में हर किसी को
कोरोना योद्धा बनकर दिखाना है,
हम डाक्टर नहीं तो क्या हुआ
जो कर सकते हैं, वही तो करना है,
युद्ध में हर योद्धा के होते हैं अलग-अलग कार्य,
हर कोई मैदान में नहीं जाता,
अपने कर्तव्य को निभा कर ही तो
कोई योद्धा है कहलाता,
तो अपने कर्तव्य का पालन करना है,
अपने व अपनो के लिए इससे लड़ना है।
एक योद्धा का सबसे पहला गुण होता है विश्वास,
तो सबसे पहले अपने अंदर विश्वास को भरना है।
एक योद्धा हमेसा सक्रिय रहता है,
तो हमे हमेश हर स्थिति से
निपटने के लिए सक्रिय रहना है।
एक योद्धा को हमेशा धैर्य रखना चाहिए,
तो हमें भी अपने धैर्य को नहीं खोना है।
एक योद्धा मे अनुशासन होना चाहिए,
तो हमे भी अपने अनुशासन को दिखाना है,
हर नियम का पालन हर वक्त करना है।
एक योद्धा अपने बुद्धि व बल का
सही प्रयोग करता है,
तो हमें भी अपने बुद्धि और बल का
हर संभव प्रयास करना है,
और कुछ इस तरह हम सबको
एक कोरोना योद्धा बनना है,
और इस कोरोना से लड़ना है।
तो चलो एक कोरोना योद्धा बन जाते हैं,
और इस कोरोना की पहचान को मिटाते हैं।
आशीष सक्सेना
नायब तहसीलदार
तहसील बदायूं।
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