नया सबेरा नेटवर्क
पीयू में संस्कृत भाषा का महत्व पर हुई संगोष्ठी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल वि·ाविद्यालय परिसर के कुलपति सभागार में बुधवार को संस्कृत सप्ताह महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कृत भाषा का महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन महिला अध्ययन केंद्र और भारतीय भाषा संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ द्वारा किया गया है। मुख्य अतिथि कल्पे·ार नाथ संस्कृत महाविद्यालय जनेवरा के प्राचार्य आचार्य सुरेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज भारत के लिए गौरव का दिन है कि हम लोग संस्कृति और संस्कृत के लिए इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत जन-जन की भाषा है। महर्षि पाणिनि, पातंजलि, कात्यायन ने कम शब्दों में ध्वनि से संस्कृत के शब्दों की संरचना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत समृद्ध भाषा है सभी भाषाओं ने संस्कृत भाषा से उधार लिया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मातृ से मदर और पितृ से फादर शब्द का निर्माण संस्कृत से ही किया गया। धारा नगरी में राजा भोज ने कहा कि मेरी नगरी में संस्कृत जानने वाले ही रहेंगे। उनकी नगरी में चांडाल और जुलाहे भी संस्कृत में बोलते थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत संस्कृति का पर्याय है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि संस्कृत देव भाषा है। हमारे जितने भी धार्मिक ग्रंथ वेद महापुराण उपनिषद हैं वह सभी संस्कृत में ही है। नई शिक्षा नीति में भी निज भाषा और पुरानी भाषा को महत्व दिया गया है ताकि इसे संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाषा का रूप बदलता है वह नष्ट नहीं होती। इस मौके पर वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उप सहायक कुलसचिव वीरेंद्र कुमार मौर्य, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पार्थीडेकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो.रामनारायण, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन सहायक कुलसचिव बबीता व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मानस पांडेय ने किया।
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