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शेरावाली!
तेरी रज को हम माथे लगाएँ,
आओ जीवन हम सुखमय बनाएँ।
आदि शक्ति है वो शेरावाली,
माँ अम्बे है वो दुर्गा - काली।
लाल चुनरी से माँ को सजाएँ,
आओ जीवन हम सुखमय बनाएँ,
तेरी रज को हम माथे लगाएँ।
चलो पहनाएँ फूलों की माला,
देखो मैया का रूप निराला।
चलो ज्ञान की ज्योति जलाएँ,
आओ जीवन हम सुखमय बनाएँ,
तेरी रज को हम माथे लगाएँ।
पाप का देखो है बोलबाला,
मैया अपनी है अमृत का प्याला।
जन्मों - जन्मों का पाप मिटाएँ,
आओ जीवन हम सुखमय बनाएँ,
तेरी रज को हम माथे लगाएँ।
रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्यकार),मुंबई
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