नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। अस्पतालों में शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से लगने वाली आगों के लिए डॉक्टर या नर्स कत्तई जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए अस्पताल का रखरखाव रखने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ ,पीडब्ल्यूडी विभाग तथा लोक प्रतिनिधियों की भी होती है। प्रशासन की लापरवाही के चलते अस्पतालों में लगने वाली आगों के लिए डॉक्टर या नर्स को आरोपी बताकर उन्हें गिरफ्तार करना निंदनीय है।महाराष्ट्र जनरल मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर विवेकानंद जाजू ने नगर जिला एक अस्पताल में लगी आग के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर और नर्स को निर्दोष बताते हुए उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में डॉक्टरों और नर्सों ने जिस हिम्मत के साथ अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों की जान बचाई, उसकी पूरी दुनिया सराहना कर रही है। किसी भी अस्पताल में लगने वाली आग के लिए डॉक्टर और नर्स को आरोपी बनाना अन्यायपूर्ण और निंदनीय है।
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