- बिजली उत्पादन एवं निजीकरण पर उठायीं सवाल
- कपड़ा बनाने वाली कम्पनी को बिजली सामग्री का दिया गया टेण्डर
विधायक ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 में सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार इस उत्पादन को दोगुना करने का वादा करने के बावजूद केवल 8,000 मेगावाट तक ही उत्पादन कर सकी है। उन्होंने पूछा कि इतने बड़े-बड़े दावे करने के बावजूद सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं किया?
उन्होंने मंत्री से स्पष्ट रूप से पूछा कि सरकार सिर्फ दो वर्षों का ही आंकड़ा दे कि कितने ट्रांसफॉर्मर बदले गए और उनका रखरखाव किया गया। मंत्री के संतोषजनक जवाब न देने पर विधायक ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने निजीकरण के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह कदम मंत्रालय की अपनी अक्षमता को दर्शाता है।
विधायक ने कहा, 'जब सरकार को अपने विभाग पर ही विश्वास नहीं है तो जनता कैसे विश्वास करेगी?' उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति के लिए ऐसी कंपनियों को टेंडर दिया जा रहा है जो सिर्फ गरीबों की कमर तोड़ रही हैं। साथ में कंपनियां मानक के अनुरूप नहीं है। न हीं स्किल्ड है। कपड़ा बनाने वाली कंपनी से बिजली सामग्री बनाने का टेंडर कराया जा रहा है। विधायक ने सरकार से कहा कि निजीकरण को रोकने और मंत्रालय को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएं। सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और जनता के विश्वास को दोबारा जीतने के लिए आत्ममंथन करना चाहिये।
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