शिव पूजन पांडे
जौनपुर। अपराध पर तब तक प्रभावी लगाम नहीं लगता, जब तक अपराधियों के मन में कानून को लेकर खौफ न हो। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, जौनपुर के एसपी आइपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा अपराधियों के लिए काल साबित हुए हैं। अब तक के अपने 22 महीना 13 दिन के सफल कार्यकाल में जनपद की पुलिस ने उनके मार्गदर्शन में 94 एनकाउंटर किए हैं, जिसमें कुख्यात शातिर बदमाश आनंद सागर यादव, बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन गैंग के लिए काम करने वाले सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी तथा एक लाख के इनामी बदमाश प्रशांत सिंह प्रिंस व गौतस्कर निशार अहमद को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल शर्मा अभी तक 250 से अधिक अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं। सहज स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. अजयपाल शर्मा प्रतिदिन 2 घंटे जनता की समस्या सुनते हैं और निवारण करने के साथ धर्म और अध्यात्म में आस्था भी रखते हैं।
एक फरवरी 2023 को जौनपुर की कमान संभालने वाले डॉ. अजय पाल शर्मा का जनपद से अपराध और अपराधियों का सफाया करना मिशन रहा। इसी महीने में पदोन्नति के साथ पुलिस उप महानिरीक्षक बनने जा रहे हैं, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जाते-जाते वे जनपद में एनकाउंटर का शतक लगाकर जाएंगे। सहारनपुर में ट्रेनी के बाद डॉ. अजय पाल शर्मा को जुलाई, 2013 में जनपद मथुरा में डीएसपी के पद पर तैनात किया गया था। सीओ वृन्दावन और सीओ रिफाइनरी और सीओ सिटी के बाद उन्हें एएसपी बनाया गया। इसी दौरान डॉ. अजय पाल शर्मा ने दिल्ली पुलिस के लिये सिरदर्द बने बहुचर्चित उबर रेपकांड का खुलासा करते हुए आरोपी ड्राइवर शिवकुमार को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते रेपकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जिस जनपद में उनकी तैनाती होती है, वहां आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस करने लगता है। उनकी कार्यशैली से अपराधियों के मन में खौफ देखने को मिलता है। किसी एक जनपद में 94 मुठभेड़ करने वाले वे इकलौते आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस बनने से पहले उन्होंने डेंटिस्ट की डिग्री ली थी। कहते हैं कि वह मरीजों के दांत का इलाज भले न कर पाए हो परंतु अपराधियों के दांत जरूर खट्टे कर दिए अजय पाल शर्मा आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सहारनपुर में थी। दूसरी पोस्टिंग मथुरा में थी।
अजय पाल शर्मा जब शामली के एसपी थे, तब भी उन्होंने कई एनकाउंटर किए। योगी सरकार में उनके एनकाउंटरों की तारीफ भी हुई। उसके बाद उन्हें नोएडा जैसे शहर का एसएसपी बनाया गया। रामपुर के एसपी पद पर तैनात रहते हुए वे आजम खान पर कार्रवाई के लिए काफी चर्चित हुए। यहां अजय पाल शर्मा ने एक 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद एसपी सिटी रहते हुए डॉ. अजय पाल शर्मा ने सबसे बड़े सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा पर कार्रवाई करते हुए उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था और प्रशासन के साथ मिलकर चतुरा की तकरीबन 350 करोड़ रुपये की काली कमाई की सम्पत्ति को जब्त करवाया। यही उन्होंने एनकाउंटर की शुरुआत करते हुए 50 हजार के इनामी बदमाश फिरोज उर्फ पव्वा को मुठभेड़ में मार गिराया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री डॉ. अजय पाल शर्मा को क्राइम कंट्रोल के चलते सम्मानित कर चुके हैं। एनकाउंटर का अपना ही रिकॉर्ड बार-बार तोड़ रहे डॉ. अजय पाल शर्मा किस मुकाम पर रुकेंगे कहा नहीं जा सकता।
जौनपुर। अपराध पर तब तक प्रभावी लगाम नहीं लगता, जब तक अपराधियों के मन में कानून को लेकर खौफ न हो। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, जौनपुर के एसपी आइपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा अपराधियों के लिए काल साबित हुए हैं। अब तक के अपने 22 महीना 13 दिन के सफल कार्यकाल में जनपद की पुलिस ने उनके मार्गदर्शन में 94 एनकाउंटर किए हैं, जिसमें कुख्यात शातिर बदमाश आनंद सागर यादव, बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन गैंग के लिए काम करने वाले सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी तथा एक लाख के इनामी बदमाश प्रशांत सिंह प्रिंस व गौतस्कर निशार अहमद को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल शर्मा अभी तक 250 से अधिक अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं। सहज स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. अजयपाल शर्मा प्रतिदिन 2 घंटे जनता की समस्या सुनते हैं और निवारण करने के साथ धर्म और अध्यात्म में आस्था भी रखते हैं।
एक फरवरी 2023 को जौनपुर की कमान संभालने वाले डॉ. अजय पाल शर्मा का जनपद से अपराध और अपराधियों का सफाया करना मिशन रहा। इसी महीने में पदोन्नति के साथ पुलिस उप महानिरीक्षक बनने जा रहे हैं, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जाते-जाते वे जनपद में एनकाउंटर का शतक लगाकर जाएंगे। सहारनपुर में ट्रेनी के बाद डॉ. अजय पाल शर्मा को जुलाई, 2013 में जनपद मथुरा में डीएसपी के पद पर तैनात किया गया था। सीओ वृन्दावन और सीओ रिफाइनरी और सीओ सिटी के बाद उन्हें एएसपी बनाया गया। इसी दौरान डॉ. अजय पाल शर्मा ने दिल्ली पुलिस के लिये सिरदर्द बने बहुचर्चित उबर रेपकांड का खुलासा करते हुए आरोपी ड्राइवर शिवकुमार को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते रेपकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जिस जनपद में उनकी तैनाती होती है, वहां आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस करने लगता है। उनकी कार्यशैली से अपराधियों के मन में खौफ देखने को मिलता है। किसी एक जनपद में 94 मुठभेड़ करने वाले वे इकलौते आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस बनने से पहले उन्होंने डेंटिस्ट की डिग्री ली थी। कहते हैं कि वह मरीजों के दांत का इलाज भले न कर पाए हो परंतु अपराधियों के दांत जरूर खट्टे कर दिए अजय पाल शर्मा आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सहारनपुर में थी। दूसरी पोस्टिंग मथुरा में थी।
अजय पाल शर्मा जब शामली के एसपी थे, तब भी उन्होंने कई एनकाउंटर किए। योगी सरकार में उनके एनकाउंटरों की तारीफ भी हुई। उसके बाद उन्हें नोएडा जैसे शहर का एसएसपी बनाया गया। रामपुर के एसपी पद पर तैनात रहते हुए वे आजम खान पर कार्रवाई के लिए काफी चर्चित हुए। यहां अजय पाल शर्मा ने एक 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद एसपी सिटी रहते हुए डॉ. अजय पाल शर्मा ने सबसे बड़े सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा पर कार्रवाई करते हुए उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था और प्रशासन के साथ मिलकर चतुरा की तकरीबन 350 करोड़ रुपये की काली कमाई की सम्पत्ति को जब्त करवाया। यही उन्होंने एनकाउंटर की शुरुआत करते हुए 50 हजार के इनामी बदमाश फिरोज उर्फ पव्वा को मुठभेड़ में मार गिराया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री डॉ. अजय पाल शर्मा को क्राइम कंट्रोल के चलते सम्मानित कर चुके हैं। एनकाउंटर का अपना ही रिकॉर्ड बार-बार तोड़ रहे डॉ. अजय पाल शर्मा किस मुकाम पर रुकेंगे कहा नहीं जा सकता।
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