नया सबेरा नेटवर्क
शाहगंज,जौनपुर। हिन्दुस्तान का कदीम तरीन जुलेस-ए अमारी शाहगंज थानांतर्गत ग्राम बड़ागांव में पंजा शरीफ से नमाजे सुबह के बाद निकला। सैयद वसीम हैदर के पुत्र सैयद ज़ीशान हैदर ने तकरीर की जिसके बाद अलम, जुल्जनाह व दीगर अमारियां बरामद हुर्इं। इस पुरदर्द मंजर को देखकर उपस्थित अकीदतमंदों क ी आंखों से आंसू छलक पड़े। स्थानीय व अन्य जनपदों से आर्इं अंजुमनों ने नौहे पढ़े। गौरतलब हो कि इस अमारी के जुलूस की शुरूआत 23 मई 1904 को मीर औलाद हुसैन के द्वारा की गई थी। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ चहार रौज़ा पहुंच कर खत्म हुआ। इस जुलूस में दूर दराज से अकीदतमंद पहुंचकर शामिल हुए। अमारी के जुलूस में सुन्नी मुसलमानों के अलावा हिन्दू भाई भी बढ़चढ़ कर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हैं। इस मौके पर मौलाना वसी हसन फैजाबादी, मौलाना हसन मेंहदी गाजीपुरी, मौलाना जफर लखनवी, मौलाना शौकत नरवारी व गाँव के मौलाना खुर्शीद, मौलाना अरबी ने अपनी तकरीर में कर्बला की जंग और यजीद की हरकतों का जि़क्र किया। संचालन सहर अरशी ने किया। जुलूस के समापन पर शफकत हुसैन ने अपने खास अंदाज में अमारियों का परिचय कराया।
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