नया सबेरा नेटवर्क
देवकी ने जन्म दिया यशोदा ने पाला,
रात में तू पैदा हुआ इसीलिए काला।
ग्वाल बालों के संग में माखन चुराया,
गोपियों के संग संग रासलीला रचाया।
बड़ा नटखट है रे! तू यशोदा का लाला,
आँखें हैं तेरी जैसे फूलों का प्याला।
मिटाने अत्याचार तू धरती पर आया,
तेरे इशारे पर वो नाची योग माया।
गोंद में आते ही खोला था सात ताला,
तेरे ही कारण है इस जग में उजाला।
किया वध कंस का बाल लीला दिखाया,
बांसुरी पे तूने सारी दुनिया नाचया।
तेरी मुस्कान की पूरी दुनिया है कायल,
नज़रें तेरी करती हैं राधा को घायल।
कितना तू छलिया है रे! कृष्ण कन्हैया,
कालिया को नाथा नाचा ता ता थइया।
महाभारत में तू अपनी लीला दिखाया,
अंजाम तक दुष्ट कौरवों को पहुँचाया।
टूट रही दुनिया में मोहब्बत की माला,
बचा लो कायनात हे! यशोदा के लाला।
रामकेश एम यादव(कवि,साहित्यकार)मुंबई
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