नया सबेरा नेटवर्क
अवसान: जाने-माने दिवंगत संगीतकार खय्याम की पत्नी जगजीत कौर रविवार (15 अगस्त) को निधन हो गया। 93 वर्षीय जगजीत बीते कुछ वक्त से बीमार थीं। जगजीत ने मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले रोड स्थित पवन हंस शमशान घाट पर किया गया। इस बात की जानकारी केपीजी ट्रस्ट के प्रवक्ता द्वारा दी गई। यह ट्रस्ट खय्याम और जगजीत कौर द्वारा गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए बनवाया गया था। उन्होंने अपनी सारी संपत्ति इस ट्रस्ट के नाम की हुई थी।
बता दें कि लगभग दो साल पहले खय्याम साहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। खबरों की मानें तो खय्याम और जगजीत ने अपनी पूरी प्रॉपर्टी जरूरतमंदों के लिए डोनेट कर दी थी। खय्याम के निधन के बाद जगजीत कौर अपने परिवार में अकेली रह गई थीं। उनका एक बेटा भी था, जिसकी कुछ सालों पहले मृत्यु हो गई थी। अब उनके परिवार में कोई नहीं बचा है, लेकिन उनके गानों और खय्याम साहब का संगीत हमेशा लोगों के दिलों में बसा रहेगा।
गौरतलब है कि जगजीत ने कुछ गानों को अपनी आवाज दी थी। जिन में से कुछ खय्याम ने भी कंपोज किए थे, जैसे बाजार फिल्म का 'देख लो आज हम को जी भर के', 1961 में रिलीज हुई फिल्म शोला और शबनम का गाना 'पहले तो आंख मिलाना', और 1964 में रिलीज हुई वहीदा रहमान की फिल्म शगुन का गाना 'तुम अपना रंजो-गम, अपनी परेशानी मुझे दे दो' शामिल हैं।
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