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शासन के पैसे भी डकार रहे हैं प्राइवेट कोविड अस्पताल
शासन ने फिक्स किया मरीज की स्थिति के अनुसार तीन रेट 4800, 7800, 9000
निजी चिकित्सक वसूल रहे 15 से 40,000 रुपये
जौनपुर। दो साल से लगातार नई लहर के साथ कोरोना अबकी तो जानलेवा हो गया। इस बीमारी की आंधी वाले चक्रवात में फंस गया मरीज और उसका तीमारदार। स्वास्थ्य सूत्र बताते हैं कि सामान्य तौर पर एक मरीज पर एक दिन में अधिकतम खर्च दो से ढाई सौ रुपये की दवा भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार होती है। फिर भी शासन ने एक मरीज पर तीन रेट 4800, 7800, 9000 रखे हैं। बावजूद इसके जिले के एल 1, एल 2 के छह, छह अस्पतालों में मची लूट और मरीज को निकालने की धमकी तीमारदारों को कोरोना की आंधी वाले चक्रवात में फंसा दिया है। इस तरह शासन के पैसे भी डकार रहे हैं इन निजी अस्पतालों के चिकित्सक।
ऐसे हालात में तमाम लोग अस्पतालों में मरीज को ले जाने की बजाय घरों में ही आइसोलेट कर दवा, खान-पान की व्यवस्था करके राहत में हैं। हालत ये है कि लोअर मध्यम श्रेणी के लोगों को जेवर बेचने से लेकर ब्याज पर पैसे उठाकर भरने पड़ रहे हैं। एक तीमारदार ने बताया कि मरीज भर्ती करने के बाद निजी अस्पतालों में रोज 15 से 40 हजार जमा कराने पर यही लगता है कि कहां फंस गए हैं। उसके इंतजाम में जब सूदखोर के पास जाओ तो वह जमीन के कागज गिरवी रखकर पैसा देता है तब लगता है मरीज के साथ ज़मीन भी निकल जाएगी। इस चक्रवात में हर तरफ श्मशान और कब्रिस्तान ही नज़र आ रहा है। जिला मुख्यालय के आधा दर्जन निजी कोविड अस्पतालों में नोट गिनने और वसूलने को अलग काउंटर तक बने हैं। इनमें टॉप पर सुनीता, ईशा और जेडी मेमोरियल अस्पताल हैं। स्वास्थ्य अधिकारी और प्रशासन का कहना है कि शिकायत मिली तो ये अस्पताल सीज़ तक कर दिए जाएंगे। उनके लाइसेंस तक रदद् होंगे। अब इन्हें कौन समझाए की मरता क्या न करता। वह अपने मरीज को लेकर कहाँ भागता फिरेगा। इसलिए जो मांगें वह देते रहो।। हिसाब तो कत्तई मत लो, रसीद मांगना गुनाह है।
इस बारे में आईएमए के अध्यक्ष डॉ एन के सिंह का साफ कहना है कि
मरीजों का शोषण करने, लूट खसोट करने वालों के साथ संगठन बिल्कुल नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ शासन, प्रशासन सख्त करवाई करे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राकेश कुमार का कहना है कि शासन ने निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों की कंडीशन के तहत 4800, 7800 और अधिकतम 9000 रुपये निर्धारित किया है। इससे अधिक लेने वालों के खिलाफ मरीज या तीमारदार की शिकायत पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इंजेक्शन व ऑक्सीजन के नाम पर लूट -खसोट
जनपद की नही पूर्वांचल में इन दिनों नकली #Remdesivir इंजेक्शन की भरमार है। इसकी कीमत मरीज की गम्भीरता के अनुसार वसूली जा रही है। ये नकली इंजेक्शन भी कुछ खास घरों में बन रहे हैं। जबकि सीएमओ डॉ राकेश कुमार बताते हैं कि जो भी कोविड अस्पताल यदि मांग करता है तो उसे 1800 रुपये मूल्य पर ये इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरह ऑक्सीजन मरीज के तीमारदार से कहने की बजाय सीएमओ दफ्तर में आवेदन कर मंगा जाए उसे भी शासन स्तर से निर्धारित कीमत पर दिया जाएगा। 15, 20 या 30 हजार में ब्लैक मंगवाना सरासर गलत है।
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