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आया है जो वक्त
हो रहा इस संकट में।
मित्रों की पहचान।।
कौन किसके साथ खड़ा?
किसने छेड़ी तान।।
आया है जो वक्त।
देश कुछ महान।।
छा गये पटल पर।
खींचें सबका ध्यान।।
तत्व कुछ शरारती।
रहे भौंहें तान।।
विश्व शांति को खतरा।
है करना निदान।।
तैर रहीं कुछ खबरें।
हिंसक वारदात।।
भूल रहे वो लेकिन।
तय मिलनी सौगात।।
कृष्णेन्द्र राय
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