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बने गवइया बड़का जेकरा,कंठ में जालु समाई।
ए हँसवाली माई?
जेकरा,जेकरा पर आपन,तू हथवा फेरलू मइया।
भवसागर से ओकर,झट पार भइल हो नइया।।
करनी तोहार कइसे सारा,दुनिया कइल भुलाई..
ए हँसवाली माई?
किरिपा से तोहरा केहु,बनल हो बड़ गवइया।
साहित्य में नाँव कमाइल,बनके केहु लिखवइया।।
तनिका हमके देखs देवी, एक बेरी मुस्काई..
ए हँसवाली माई?
मानस में हमरा बसs, बा तहसे माई निहोरा।
हमके बालक जानी, छोट ले ल अपना कोरा।।
चली साँस तबले दीपक,तहरे गुनवा गाई..
ए हँसवाली माई?
दीपक तिवारी
श्रीकरपुर,सिवान विहार
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