- विश्व हाथ धुलाई दिवस पर हुए जागरुकता कार्यक्रम
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के तत्वावधान पूर्वांन्ह 10 बजे से 11 बजे तक 'विश्व हाथ धुलाई दिवस' पर जागरुकता और व्यवहार परिवर्तन के संबंध में एक वेबीनार आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है। आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए एवं उसके संक्रमण को रोकने के लिए हमें हाथों की सफाई पर विशेष बल देना होगा। इसके साथ ही साथ 2 गज की दूरी, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, साबुन सेनेटाइजर तथा सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करके ही हम कोरोना को पराजित कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि राज्य संपर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश शासन डॉ. अंशुमालि शर्मा ने कहा कि जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ने कोविड-19 में महत्वपूर्ण सेवा की है इसके लिए पूरे प्रकोष्ठ को विशेष रूप से बधाई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में यूनिसेफ के संचार एवं विकास अधिकारी दयाशंकर सिंह ने पीपीटी के माध्यम से हाथों की स्वच्छता के बारे में प्रतिभागियों को बताया और कहा कि हम वि·ाविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जागरूक करके कोरोना को हराने में एक दिन जरूर कामयाब होंगे।
कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कोरोना काल में वि·ाविद्यालय द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा की और साथ ही साथ लगातार इस कार्यक्रम को संचालित करने का आह्वान किया।
स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार यादव ने प्रस्तुत की। इस वेबिनर को प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. मुनीब शर्मा, डॉ. अमित यादव, डॉ. अखिलेश शर्मा शास्त्री, डॉ. उदयभान यादव, डॉ. राजश्री सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से संबद्ध चारों जनपदों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, कार्यक्रम अधिकारी, छात्र, स्वयंसेवक जूम एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से बड़ी संख्या में जुड़े रहे। आभार ज्ञापन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया। पूरे कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. शशिकांत यादव, डॉ. विनय कुमार वर्मा ने प्रदान किया।
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