राघवेन्द्र पाण्डेय
अमेठी। पहले राहत लगने वाली यह बारिश अब लोगों के लिए आफत बन गई है, लगातार हो रही बारिश से जहां एक ओर आमजन जीवन अस्त-व्यस्त है वहीं ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों के जमींदोज होने की खबरें भी सामने आ रही हैं| इन सबके बीच भेटुआ की ग्राम पंचायत टिकरी के टंडवा गांव में राजस्व कर्मियों की संवेदनहीनता की खबरें भी चर्चा का विषय बनी हैं|दरअसल शनिवार को मानसूनी बारिश में टंडवा निवासी दिव्यांग राम पियारे का कच्चा आशियाना ढह गया,टिकरी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम करन यादव ने बताया की चूंकि राम पियारे और उनकी पत्नी सुमित्रा दोनों दिव्यांग हैं,तीन में से दो बेटों की शादी हो गई है वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं,छोटा बेटा रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली गया है, इसलिए दिव्यांगों पर आई इस आफत में फौरी राहत के लिए उन्होंने सूचना फौरन लेखपाल अवधेश कुमार को दी लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी राजस्वकर्मी पीड़ित को झांकने तक नहीं आया|लेखपाल अवधेश इस बारे में बताते हैं कि उनका तबादला मुसाफिरखाना हो गया है इसलिए जानकारी उन्होंने कानूनगो जगरुप को दे दी थी|कानूनगो जगरुप ने घटना की जानकारी होनी मानी लेकिन उन्होंने बताया की टिकरी ग्राम पंचायत के लेखपाल ने अभी चार्ज नहीं लिया इसलिए क्षति का आंकलन नहीं कराया जा सका|आपदा जैसी स्थिति में भी लेखपालों द्वारा जिम्मेदारी से बचना बड़ी प्रशासनिक चूक है ऐसे में हमने अमेठी तहसीलदार नेहा राजवंशी जी का पक्ष जानना चाहा|उनका कहना है की सभी लेखपाल चार्ज ले चुके हैं लेकिन जब हमने टंडवा की घटना का जिक्र करते हुए कानूनगो का बयान बताया तो उन्होंने फौरन फोन काट दिया| खैर जो भी अमेठी राजस्व और आपदा विभाग को इन विषम परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए और शासन की मंशा मुताबिक पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए अपनी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए|
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