- मृत्यु पूर्व एडवोकेट के द्वारा प्रसारित वीडियो वायरल
- एसएसआई सहित 7 के खिलाफ हत्या का आरोप
शिवशंकर दुबे
बताते हैं कि गांव निवासी व दीवानी न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे 44 वर्षीय एडवोकेट मनोज सिंह का पड़ोसियों से बाग की भूमि को लेकर विवाद चला आ रहा था। गत 23 दिसंबर को पुलिस बल की मौजूदगी में राजस्व टीम के द्वारा सीमांकन कराया गया। उक्त भूमि में आधा दर्जन से अधिक शेयरदार हैं। उसमें एक हिस्सेदार मृत एडवोकेट की गैरमौजूदगी में अन्य हिस्सेदारों ने एक समझौता कर पूर्व तरफ लगभग 12 फिट चौड़ा रास्ता निकालने का फैसला किया गया। जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे अधिवक्ता ने खुद की अनुपस्थिति में लिए गए फैसले का विरोध कर दिया जिससे नाराज होकर पड़ोसी सांवले सिंह, ऋतिक सिंह, अजय, नीरज, पंकज, युवराज सिंह ने उन्हें गांव वालों के सामने ही लात घूसों से पीटना शुरू कर दिया। मनोज वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
दूसरे दिन 24 दिसंबर की सुबह वे घटना की तहरीर देने थाने पर जा रहे थे कि सब्जी मंडी के पास उक्त मनबढ़ों ने उन्हें रोक लात घूसों से जमकर पीटाई कर दिया। मौके पर जुटे लोगों ने बीच बचाव कर उन्हें बचाया। घायल अवस्था में उन्होंने घर फोन कर आप बीती बताते हुए कहा कि वह उपचार के लिए जिला चिकित्सालय जा रहे हैं। पड़ोसियों ने पिटाई के बाद उन्हें जबरन जहरीला पदार्थ पिला दिया है। वह बाइक से जिला मुख्यालय जा रहे थे कि उन्हें उल्टी शुरू हो गई। गभिरन बाजार स्थित एक पेट्रोल पंप पर वह बेहोश होकर गिर गये। वहां पहुंचे स्वजन उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले गए। हालत गंभीर देख उन्हें बीएचयू वाराणसी भेज दिया गया जहां गुरुवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मृत्यु पूर्व उनके द्वारा प्रसारित बीडीओ में वह साफ-साफ उक्त आरोपितों का नाम लेकर पिटाई के बाद जबरन जहर पिलाने का आरोप लगा रहे हैं। इसके अलावा थाने पर तैनात एक एसएसआई पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। खबर लिखे जाने तक वाराणसी से शव घर नहीं पहुंचा था।
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