नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। परमात्मा यदि हमारा अपना है तो इसका रचा हुआ संसार भी हमारा अपना ही है। यह परमात्मा सबका आधार है। हर एक में ब्रह्मांड के कण-कण में इसी का वास है। ऐसा भाव जब हृदय में बस जाता है तब किसी अन्य वस्तु अथवा मनुष्य में फिर कोई फर्क नजर नहीं आता। अतः हम यह कह सकते हैं कि समस्त संसार एक परिवार की भावना जीवन में धारण करने से ही उन्नति संभव है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने वर्चुअल रूप में आयोजित तीन दिवसीय 74वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के दूसरे दिन सत्संग समारोह में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशों को बताते हुए कहा। उन्होंने आगे बताया कि संत समागम का आनंद मिशन की वेबसाइट एवं टीवी चैनल के माध्यम द्वारा विश्व भर के निरंकारी श्रद्धालु भक्त घर बैठे ही प्राप्त कर रहे हैं। सत्संग समारोह में देश-विदेश से भाग ले रहे वक्ता, गीतकार एवं कवियों ने अपने व्याख्यान गीत एवं कविताओं के माध्यम से समागम के मुख्य विषय विश्वास, भक्ति, आनंद पर रोशनी डाली।
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