- 2 वर्ष बाद हो पाया सिर्फ 18% कार्य
- गिट्टियों के साथ हवा में उड़ रहे धूल के गुबार
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। नगर का विषैला वातावरण शासन—प्रशासन की उदासीनता के कारण बना हुआ है। भीषण प्रदूषण के कारण करीब दो वर्षों से नगर के दक्षिणी इलाके की जनता का फेफड़ा संक्रमित हो रहा है और वे सांस के मरीज बनते जा रहे हैं। अब तो इस इलाके की जनता कहने लगी है सुल्तानपुर जिले में पूर्वाचंल एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन उतारा गया यहां हमारा फेफड़ा खराब हो रहा है। अमृत योजना के तहत 264 करोड़ रुपए की लागत से नगर में सिविल लाइन बिछाने का कार्य नवम्बर 2019 में शुरू हुआ। इसकी शुरूआत नगर दक्षिणी इलाके कलेक्ट्री कचेहरी से शेखपुर, शेखपुर तिराहा से रोडवेज होते हुए टीडी कालेज के पास स्थित सांईनाथ मंदिर तक सड़क खोदकर पाइप डाला गया। इस इलाके के सभी गली मोहल्ले में पाइप बिछायी गयी। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी मात्र 18 प्रतिशत कार्य हो पाया है। कचहरी रोड पर पाइप लाइन बिछने के बाद इतनी घटिया सड़क बनाई गई कि गिट्टियों के साथ हवा में उड़ रहे धूल के गुबार से इस इलाके में रहने वाले सांस के मरीज हो रहे हैं।
राहगीर इसके चलते बन रहे सांस के मरीज
उधर टीडी कालेज रोड पर केवल गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। जिसके कारण 24 घंटे गर्दा उड़ रहा है। इस रोड पर टीडीपीजी कालेज समेत कुल 10 नर्सरी से लेकर डिग्री कालेज है। इसके अलावा दर्जन भर से अधिक कोचिंग सेंटर हैं। इन शिक्षण संस्थानों में प्रतिदिन 30 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं इसके अलावा तमाम लोग कोर्ट कचहरी व अन्य कार्यालयों में आते—जाते रहते हैं। शासन—प्रशासन की भारी उदासीनता के कारण इन देश के भविष्यों पर गंभीर बीमारी का संकट मंडरा रहा है। इस इलाके की जनता और छात्र-छात्राएं इसका जिम्मेदार नगर विधायक व राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव व अन्य जनप्रतिनिधियों को ठहरा रहे है। स्थानीय जनता रामजी सिंह, शिविन्द्र सिंह, राजेद्र मिश्रा, रामू जायसवाल, सुरेश सोनकर, संकठा प्रसाद श्रीवस्तव, भगवान प्रसाद ने कहा कि जब से सीवर लाइन बिछाना शुरू हुआ तभी से हम लोगों की समस्या बढ़ती गई। हम लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य लाभ के लिए टीडी कालेज के मैदान में सुबह टहने के लिए आते थे लेकिन यह मार्निंगवाक करना बीमारी को बुलाना है।
पहले दवाई, फिर पढ़ाई
उधर छात्रा संध्या सिंह, विमलेश कुमारी, सौम्या पाण्डेय तथा छात्र विमल कुमार, राकेश सिंह, विक्रम शुक्ला समेत दर्जनों छात्रों ने बताया कि हम लोग प्रतिदिन टीडी कालेज में पढ़ने के लिए आते हैं। कालेज में प्रवेश करने से पहले ही हमारा ड्रेस पूरी तरह से गंदा हो जाता है, मास्क लगाने के बाद भी धूल मुंह जाने के कारण खांसी आने लगती है। ऐसे में हम लोग पहले दवाई करते हैं उसके बाद पढ़ाई के लिए हिम्मत जुटा पाते है।
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