नया सबेरा नेटवर्क
श्री कृष्ण का होगा जन्म
मिटेंगे अब सारे भ्रम,
खुशियों की बौछारों से
महकेंगे अब वृंदावन।
कृष्ण के भक्तों को अब
मिलेगा अमृत कलश,
हर लेंगे सारे पाप और दुःख
पान करेंगे भक्त सुधा रस।
राधा —कृष्ण की युगल छवि
वर्णित करते है सारे कवि,
मिले नहीं राधा को कृष्ण
मिले रूक्मणी को बनके पति।
राधा कृष्ण का प्रेम सदा अमर है
गोपी और राधा में संघर्ष है,
जब गए कृष्ण मथुरा को
उद्धव का योग साधन अनर्थ है।
उनके प्रेम में गोपियों ने नींद
सुख ,सुकून सबकुछ भुला दिया ,
अपने को अभागिन समझने वाली
कुब्जा ने उनको पा लिया ।
ऐसे हैं हमारे गिरधर नागर
जो फोड़ते है दही की गागर ,
जिनके लिए छोटे बड़े सब एक समान
सदा भक्तों के लिए है जिनके
कृपा का सागर ।
राधे राधे, जय श्री कृष्ण ।
–रितेश मौर्य
एम. ए.फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113
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