नया सबेरा नेटवर्क
काव्यसृजन महिला मंच महाराष्ट्र इकाई द्वारा मातृ दिवस के पावन अवसर पर डॉ रश्मिलता मिश्रा जी की अध्यक्षता,मुख्य अतिथि शिक्षाविद हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी की गरिमामय उपस्थिति,और डॉ वर्षा सिंह जी के दमदार संचालन में एक बहुत ही सुहानी शाम का आनंददायी आयोजन सम्मन्न हुआ।
इस अनुपमीय आयोजन में देश के कई भागों से कवि कवयित्रियों ने जुड़कर अपनी गीत गजल मुक्तक भजन लचारी सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को गतिमान किये दिल्ली से गोपाल गुप्त दहली जी अपनी सुन्दर गजल से इसके बाद तो जो सिलसिला शुरू हुआ वो अविस्मरणीय हो गया|दिल्ली से ही पंकज तिवारी जो कि काव्यसृजन दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हैं अपनी भोजपुरी से आह्लादित कर दिया। छत्तीशगढ़ से डॉ रश्मिलता मिश्रा जी ने दोहे प्रस्तुत किये|पालघर से दीपक दीप,नंदन मिश्र,अरुण दूबे अविकल,इंदू मिश्रा,सुमन तिवारी,पं.शिवप्रकाश जौनपुरी,पवन मिश्र जी ने आयोजन में छटा बिखेर दी। मुम्बई से श्रीधर मिश्र,संगीता शुक्ला,हौंसिला प्रसाद अन्वेषी,आनंद पाण्डेय केवल,कु.साधना पाण्डेय,ने एक से बढ़कर एक रचनायें प्रस्तुत कर आयोजन में जान डाल दी,हमारे साथ देहरादून से आशाराम रतूड़ी,नागपुर से मनिंदर सरकार,नवी मुम्बई से मनोज मिस्त्री भी जुड़े रहे।
आयोजन अध्यक्षा डॉ रश्मिलता मिश्रा जी ने आयोजन में अपनी रचना प्रस्तुत करने वाले कवि कवयित्रियों की रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए काव्यसृजन महिला मंच के पदाधिकारियों की सराहना कीऔर साधुवाद दिया। मुख्य अतिथि आदरणीय हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी ने साधुवाद देते हुए कवि कवयित्रियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि इस महामारी से बचने के लिए घर में रहते हुए तनाव से बाहर निकलने के लिए ऐसे आयोजनों की नितांत आवश्यकता है। जो काव्यसृजन परिवार बराबर कर रहा है।आफत में अवसर खोज कर सबका मनोरंजन कर रहा है।
काव्यसृजन परिवार के उप कोषाध्यक्ष सौरभ दत्ता जयंत जी के भांजे का आज सुबह दिल की धड़कन बंद होने से आकस्मिक निधन हो गया|जिसे सुनकर हम सभी एकबार तो सकते में पड़ गये|अभी एक दिन पहले ही वो कोरोना से जंग जीतकर हम लोगों के बीच आये थे। उनकी आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अंत में महिला मंच महाराष्ट्र इकाई की सचिव सुमन तिवारी जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि इस महामारी से हम सबको जल्दी बाहर निकालें।
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