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कोरोना महामारी पर जिलाधिकारियों के साथ पीएम की सीधे चर्चा एक रणनीतिक, सुयोग्य, सराहनीय कदम - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से मानव प्रजाति पर घातक और उग्र रूप से हमला करने वाला अदृश्य बहरूपिया और संपूर्ण मानव जाति का शत्रु अलग-अलग रूप से हर 100 सालों में अलग-अलग नाम से आता है जो वर्ष 2020 में कोविड-19 के नाम से आया और पूरे विश्व को अपने घातक प्रहार से स्वास्थ्यिक आर्थिक,सामाजिक व्यवहारिक रूपसे काफी क्षति पहुंचाने में कामयाब रहा। परंतु मानव ने भी हार नहीं मानी और वैश्विक रूप से इसकी काट इजाद कर टीकाकरण का कार्य वैश्विक रूप से शुरू किया। कुछ देश इस कोरोना महामारी से उभरने की मंजिल की ओर अग्रसर हो चुके हैं और शीघ्र ही कामयाब होंगे क्योंकि उन देशों ने दूसरी, तीसरी लहर को झेल उसका मुकाबला किया हालांकि जनहानि और आर्थिक हानि काफी उठानी पड़ी। अमेरिका ने शुक्रवार दिनांक 14 मई से दोनों टीके लगा चुके व्यक्तियों को मास्क लगाने से छूट दी तो ब्रिटेन ने दोनों टीके लगा चुके लोगों को 17 मई 2021 से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने की छूट दी हैं।....बात अगर हम भारत की करें तो कोरोना महामारी से 2020 के सबक और अनुभवों से इस वर्ष 2021 में हम हर कदम काफी सचेत सटीक और रणनीतिक रोडमैप तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से उठा रहे हैं। दूसरी लहर के शुरू होने पर ही हमने देखे कि माननीय प्रधानमंत्री महोदयने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों उच्च अधिकारियों, वैक्सीन निर्माताओं ऑक्सीजन निर्माताओं, देश के कुशल विशेषज्ञ डॉक्टरों, मेडिकल विशेषज्ञ से वर्चुअल बैठक कर स्थिति की समीक्षा की,तथा भारत के सीडीएस रावत साहब,नौसेना, थलसेना, जलसेना के प्रमुखों ने प्रधान प्रधानमंत्री से मुलाकात कर तैयारियों तथा सेवाओं का क्रियान्वयन के बारे में बताया जिसकी पीएम ने समीक्षा की। अभी 2 दिन पूर्व ही अधिक पीड़ित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग वर्चुअल मीटिंग कर कार्यों की समीक्षा और चर्चा की और आज दिनांक 15 मई 2021को भी एक हाईलेवल मीटिंग की जिसमें वैक्सीनेशन पर भी चर्चा हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भीअमेरिका,जापान,रूस,ऑस्ट्रेलिया जर्मनी सहित अनेक राष्ट्र अध्यक्षों के साथ भारत नेसंक्रमण की दूसरी लहर पर चर्चा की और सहायता के संकेत पर काम हुआ।इस तरह हमने देखे कि पिछले दिनों से पीएम लगातार महामारी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और वर्चुअल मीटिंगे कर रहे हैं और बहुत ही एक्शन मोड में लगातार हरस्तर पर कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।.....अभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों में आई जानकारी के अनुसार 18 और 20 मई को कोरोना महामारी को लेकर माननीय पीएम जिलाधिकारियों के साथ सीधे वर्चुअल मोड में चर्चा करेंगे... बात अगर हम कोरोना महामारी पर पीएम की जिलाधिकारियों के साथ सीधे चर्चा की करें, तो देश के सबसे अधिक संक्रमित जिलों के कलेक्टरों से सीधे वर्चुअल बैठक करेंगे जिसमें उस राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे और बैठक में संक्रमण से निपटने में आ रही दिक्कतों, उससे निपटने के सुझावों, वैक्सीनेशन के प्रोसेस को बढ़ाने इत्यादि अनेक विषयों पर चर्चा होगी जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण और नया प्रयोग होगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आए तारीखों और आंकड़ों के अनुसार 18 मई को 9 राज्यों के 46 जिलों के कलेक्टरों और 20 मई को 10 राज्यों के 54 जिलों के कलेक्टरों के साथ पीएम की वर्चुअल मोड में मीटिंग होगी। मेरा यह निजी मानना है कि अगर पीएम की कलेक्टरों के साथ मीटिंग इन निर्धारित तारीखों और निर्धारित जिलों के कलेक्टरों के साथ होती है तो यह पहली बार ही होगा कि माननीय पीएम किसी मुद्दे पर कलेक्टरों से सीधे चर्चा कर स्थिति की समीक्षा और सुझाव के काम किया गया हो। वैसे भी पिछले कई दिनों से हम प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देख रहे हैं कि कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर में पीएम महोदय खुद बहुत ही एक्शन मूड में है और लगातार हर स्तर पर कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं... उधर नीति आयोग के सदस्य ने भी गुरुवार दिनांक 13 मई 2021 को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 17 मार्च को माननीय प्रधानमंत्री ने दूसरी लहर उभरने के बारे में देश को बिना दहशत उत्पन्न किए बता दिया था कि हमें इस से लड़ना होगा। हालांकि कोई भी महामारी का उच्चतम स्तर किस आकार का होगा यह कोई अनुमान नहीं लगा सकता क्योंकि यह वायरस बहरूपिया और अदृश्य होता है जो हम देख रहे हैं कि बार-बार सिम्टम्स बदल रहा है। हम सभी देख रहे हैं कि इसका अधिकतम संक्रमण 12 राज्यों में है। परंतु हमें पूरे देश के लिए एक सटीक रणनीति रोड मैप पर काम करना है और हम कर भी रहे हैं। उदाहरण योजनाबद्ध रणनीतिक रोड मैप के अनुसार चरणबद्ध तरीकों से टीकाकरण जिसमें चौथा चरण 2 से 18 साल तक के बच्चों को लगाने की रोडमैप तैयार है। वही किन राज्यों में कितने प्रतिशत संक्रमण दर है इस पर भी स्वास्थ्य मंत्रालय नीति आयोग नजर बनाए हुए हैं। नीति आयोग के अनुसार 10 राज्यों में संक्रमण दर 25प्रतिशत सेअधिक तथा 8 राज्यों में संक्रमण दर 20 प्रतिशत से अधिक है जो एक चिंताजनक बात है। उधर अमेरिका के 57 सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर की त्रासदी झेल रहे भारत को जो मदद दी जा रही है उसमें बढ़ोतरी करने का अनुरोध पत्र के माध्यम से किया गया है। जिसमें हमें इतनी बड़ी संख्या में अमेरिका के लोगों का प्यार और हमारे प्रति चिंता का भाव झलकते दिख रहा है जो भविष्य के प्रगाढ़ संबंधों का शुभ संकेत है। उधर भारत के 12 प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने पीएम के लिए एक खुला पत्र लिखा है जिसमें फ्री वैक्सीनेशन, बेरोजगारों को 6 हज़ार रुपए प्रतिमाह देने, कृषि कानूनों को रद्द करने, सेंट्रल विस्ता प्रोग्राम को बंद कर उसका पैसा स्वास्थ्य सुविधाओं में लगाने सहित कुल 9 मांगे की है। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम विश्लेषण करें तो हम देखेंगे कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने लगातार रणनीतिक रोड मैप बनाकर क्रियान्वयन करने, सभी संबंधित पक्षों से बैठक करने,यहां तक के सभी कलेक्टरों से भी पीएम खुद बैठक और विपक्ष भी एक्टिव होकर सुझाव रखने जैसे सभी गतिविधियों से हम सभ भारतीय इस कोरोना महामारी का महायुद्ध जरूर जीतने में कामयाब होंगे।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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