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मतगणना रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये सरकार
जौनपुर। प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता और किसी भी कीमत पर पंचायत चुनाव कराने की हठधर्मिता ने न केवल प्रदेश में कोरोना संक्रमण को अति गम्भीर बना दिया है बल्कि चुनाव कार्य में लगे सैकड़ों शिक्षकों/कर्मचारियों को मौत के मुँह में भी ढकेल दिया है। इतना ही नहीं हजारों साथी संक्रमित होकर जीवन एवं मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। निश्चित रूप से सरकार को इसकी कीमत आगे आने वाले दिनों में चुकानी होगी।
उ.प्र.मा.शि. संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने तक मतगणना रोके जाने के लिए आवश्यक कदम उठाने और आवश्यकता पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का मुखिया होने के कारण अपने कर्मचारियों और आम-जन के जान माल की रक्षा करना उनका परम कर्तव्य है। साथ ही संगठन अर्थात उ.प्र.मा.शि. संघ की भी यह जिम्मेदारी है कि वह अपने सदस्यों के हितों के लिए हर सम्भव संघर्ष करे। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री के इस नारे को चरितार्थ करते हुए कि जान है तो जहान है,संगठन मतगणना स्थगित न किए जाने की स्थिति में मतगणना का बहिष्कार करने के लिए कटिबद्ध हैं। क्योंकि मतगणना हेतु कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण और मतगणना के दौरान उन कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगी हुई है जो या तो खुद संक्रमित हैं अथवा उस पोलिंग पार्टी के सदस्य रहे हैं जिसका कोई सदस्य संक्रमित हुआ है या मर गया है। ऐसी स्थिति में सभी के एकत्र होने से संक्रमण की भयावहता का अनुमान सहज लगाया जा सकता है।चुनाव के दौरान सरकारी अव्यवस्था और उससे होने वाली मौतों ने संगठन को झकझोर दिया और अब अपने सदस्यो को मौत के मुँह में जाने से रोकने के लिए निर्णायक संघर्ष करेगा।यदि सरकार मतगणना स्थगित करने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाती है तो संगठन के पास मतगणना वहिष्कार के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं है,जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सरकार पर होगा।
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