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मौत का सिलसिला यू थम नहीं रहा है ,
अभी भी कुछ जन को करोना मजाक लग रहा है,
जब अपने को तड़पता देख लोगे तो....
सच्चाई से नाता तुम भी जोड़ लोगे।
मौत की सुनामी आहोश में ले रही है,
जिंदगी को पीड़ा देकर बेहोश कर रही है,
अब तो सांसे भी ऑक्सीजन के सहारे हैं,,,,,,
कोई नहीं कहता कि हम तुम्हारे हैं।
आज हमें पीपल, नीम,आम की याद आ रही है,,
हर तरफ मौत की तस्वीर नजर आ रही है,
हम बहुत ही स्वार्थी हो गए थे,,,,,
आज प्रकृति यह मूक संदेश सुना रही हैं।
इस बीमारी को साधारण मत समझो,,
जितना बच सकते हो बचे रहो,,
अपनी नहीं तो परिवार की चिंता करो,,,,,,,
बेवजह घर से यूं निकला ना करो।
हर वारियर्स को तहे दिल से प्रणाम है,,
जितने भी पुलिस डॉक्टर और पत्रकार हैं,,
जान हथेली पर लेकर वह काम कर रहे हैं,,,,,,,
कुछ लोगों को लगता है सरकारी नौकरी है तो आराम कर रहे हैं।
सलामत रहे इसके लिए उन्होंने परिवार को छोड़ा है,,
हर रिश्ते को भुलाकर मानवता से नाता जोड़ा है,,
लाखों फिर भी अगर झुक जाएं सम्मान में,,,,,,
फिर भी उनके लिए यह थोड़ा है।
–रितेश मौर्य
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