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मुकाबला जीतने वाला ही अध्यक्ष पद का बनेगा दावेदार
83 जिला पंचायत सदस्य सीटों पर 15 अप्रैल को होगा मतदान
निर्वतमान अध्यक्ष की पत्नी से हो रहा है श्रीकला सिंह धनंजय का मुकाबला
सै. हसनैन क़मर ''दीपू''
जौनपुर। जिले की पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए राजनैतिक परिवारों के साथ-साथ अन्य पृष्ठभूमि के लोगों ने भी अपनी घर की महिलाओं को मैदान में उतारकर सेमीफाइनल जीतने में जुट गई हैं, जो भी सेमीफाइनल जीत कर जिला पंचायत सदस्य बनेगा वह ही फाइनल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी की लड़ाई में नजर आयेगा। जिले की 83 जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव 15 अप्रैल को होना है और चुने गये सदस्य ही अपना नया जिला पंचायत अध्यक्ष चुनेंगे। ऐसे में देखा जाये तो कई वार्ड में लड़ाई सीधी नजर आ रही है। जिसमें खास तौर पर सिकरारा ब्लॉक के वार्ड नं. 45 पर जहां लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं तो वहीं सुईथाकला ब्लॉक के वार्ड नं. 14 का भी मुकाबला दिलचस्प बन गया है।
राजबहादुर यादव VS धनंजय सिंह
बात अगर वार्ड नं. 45 से की जाये तो यहां सपा के निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष राजबहादुर यादव ने अध्यक्ष पद की कुर्सी पर अपने परिवार का कब्जा जमाने के लिए अपनी पत्नी राजकुमारी देवी को मैदान में उतार दिया है। जिनका सीधा मुकाबला अपनी चाणक्य नीति से राजनीति में भूचाल लाने वाले पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह से हो रहा है। दोनों में से कोई एक जीतने के बाद अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए लड़ाई लड़ेगा।
रणनीति धनंजय की, कमान प्रिंसू को
पिछले पंचायत चुनाव में जिस तरह से पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपनी नीतियों के दम पर निर्दल होते हुए 21 ब्लाकों में से 10 से ज्यादा ब्लाकों पर अपने समर्थकों को प्रमुख बनाकर इतिहास रचा था ऐसे में इस बार उनके सामने अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है, हालांकि धनंजय सिंह फतेहगढ़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद अपने गृह जनपद जौनपुर में दिखाई नहीं दिये लेकिन उनकी रणनीति के तहत चुनाव की कमान एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू बखूबी संभाले हुए हैं।
फिर सपा के सामने श्रीकला धनंजय सिंह
श्रीकला धनंजय सिंह हैदराबाद के एक बड़े राजनैतिक परिवार से आती हैं और उन्हें राजनीति में महारत हासिल है। इसका सबूत उन्होंने बीते नवंबर माह में हुए उपचुनाव में अपने पति धनंजय सिंह के चुनाव प्रचार में दिखा दिया था। इस चुनाव में जिस तरह से जनता के बीच पहुंच कर उन्होंने अपने पति के लिए वोट मांगा था उसमें इस जिला पंचायत चुनाव में मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। इस बार वे खुद अपने लिए लोगों से वोट मांगते हुए गांव की पगडंडियों का सफर तय करते हुए घरों के अंदर पहुंच रही हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होकर जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके राजबहादुर यादव अपनी पत्नी राजकुमारी देवी के लिए क्षेत्र में वोट मांगने के लिए निकल पड़ते हैं। इसके पूर्व मल्हनी विधानसभा में भी धनंजय सिंह समाजवादी पार्टी की राह में रोड़ा बने थे हालांकि जैसे—तैसे करके लकी यादव ने चुनाव में कुछ ही मतों से जीत हासिल की।
भाजपा जिलाध्यक्ष की चाची के सामने भाजपा प्रत्याशी कमला सिंह
दूसरी ओर सुईथाकला वार्ड नं. 14 से भाजपा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कमला सिंह का मुकाबला आईबी सिंह की पत्नी शीला सिंह से होता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि भाजपा ने यहां कमला सिंह को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है तो वहीं आईबी सिंह के भतीजे पुष्पराज सिंह भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ प्रदेश की निगाहें भी इस सीट पर टिकी हुई हैं। गौरतलब है कि स्व. रामअकबाल सिंह का पारिवारिक संबंध पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रहा है। ऐसे में पार्टी द्वारा उनकी पत्नी कमला सिंह को अधिकृत प्रत्याशी बनाये जाने से सदस्य चुने जाने के बाद अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार पार्टी द्वारा माना जा रहा है।
सदस्य बनने के बाद तय होगी अध्यक्ष की कुर्सी
फिलहाल जिला पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद ही कौन फाइनल के तौर पर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए मुकाबला करेगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।
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