नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई: मुंबई कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनने के बाद भाई जगताप ने जो तेजी और सक्रियता जाहिर की उससे लग रहा था कि उनके नेतृत्व में बनने वाली कांग्रेस की नई टीम में सिर्फ जनता के बीच अच्छा काम करने वाले तथा लोकप्रिय चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, परंतु मुंबई कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की सूची ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को निराश कर दिया। कार्यकारिणी में जगह प्राप्त करने वालों में अधिकांश चेहरे उनके गॉडफादर के प्रभाव को स्पष्ट रुप से प्रदर्शित कर रहे हैं। बहुत से ऐसे लोग जो वाकई में कांग्रेस की छवि ,लोकप्रियता तथा ग्राफ को ऊपर उठा सकते थे ,उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पूरी तरह से लकीर के फकीर साबित हुए। भाई जगताप में नेतृत्व की क्षमता है। यूनियन के अच्छे नेता रहे हैं, परंतु पता नहीं किस दबाव के चलते उन्होंने कार्यकारिणी को पूर्ववर्ती अंदाज में ही प्रस्तुत कर दिया। कार्यकारिणी की सूची आते ही आनंद शुक्ला जैसे प्रभावशाली पत्रकार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। आनंद शुक्ला कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता रहे हैं। हिंदी भाषी मतदाताओं में उनकी अच्छी छवि रही है। परंतु पता नहीं किस दूरदर्शिता के चलते उन्हें जगह नहीं दी गई। उत्तर मुंबई में डॉक्टर किशोर सिंह के रूप में कांग्रेस के पास एक मजबूत चेहरा है। किशोर सिंह के पास मजबूत जनाधार है। कांग्रेस की हर कार्यक्रमों में उनका बढ़-चढ़कर सहयोग होता रहा है। उनके पास एक मजबूत टीम भी है। उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, परंतु उनका पत्ता ही पूरी तरह से साफ कर दिया गया।भाई जगताप ने आते ही घोषणा की थी कि वे कृपाशंकर सिंह जैसे लोकप्रिय उत्तर भारतीय नेताओं को पुनः कांग्रेस में लाने का प्रयास करेंगे। कृपाशंकर सिंह को लाने की दूर,कृपाशंकर सिंह के सारे समर्थकों के पत्ते ही काट दिए गए। देखना है कि मुंबई कांग्रेस की नई कार्यकारिणी लोगों पर कितना प्रभाव जमा पाती है?
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