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कुरान में सभी धर्म के लोगों का किया गया है सम्मान
हाईकोर्ट अधिवक्ता ने पूर्व चेयरमैन को बताया दिवालिया
जौनपुर। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी की हरकत सस्ती लोकप्रियता बटोरना है। वो चर्चा में बने रहने के लिए हमेशा कुछ ना कुछ मुसलमानों के खिलाफ ऊल-जलूल हरकत वह बयान बाजी करते रहते हैं।ताकि अधिसंख्यक वर्ग के लोग उन्हें और उनकी बातों को पसंद करें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैय्यद मशहूद अब्बास ने कलापुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर कोई सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ये कहे कि कुरान-ए-मजीद में 26 आयतें गलत है। और आतंकवाद को बढ़ावा देती है तो यकीन मानिए पागल हो गया है। इस तरह के मनोविक्षिप्त व्यक्ति को कुरान की समझ हो नहीं सकती है। अगर ऐसा होता तो बड़े- बड़े विश्वविद्यालय में कुरान की व्याख्या को समझाने के लिए विशेष रूप से एक विषय न होता। उन्होंने कहा कि बिना धर्म विशेषज्ञ के कुरान की व्याख्या नहीं की जा सकती है।क्योंकि कुरान बिना व्याख्या के समझा नहीं जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सूरह-ए-कुल में अल्लाह ने फरमाया है कि "लकुम दीनकुम वलैयादीन" अर्थात तुम्हारा दीन (धर्म) तुम्हारे साथ और हमारा दीन (धर्म) हमारे साथ। यह कहकर सभी धर्म की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने का आह्वाहन किया है। और यह भी दावा किया है कि इसमें विरोधा भाषी बातें नहीं हो सकती है। इससे स्पष्ट है कि कुरान में सभी धर्म के लोगों का सम्मान किया गया है।और अहिंसा की ताकीद की गई है।पूर्व शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का बयान गलत और निंदनीय है।
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