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कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को, देशव्यापी प्रकोप होने से रोकने हम सभी नागरिकों का सहयोग जरूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना महामारी का संक्रमण बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है। दो चार राज्यों से बढ़कर यह अब 8 राज्यों को अपनी चपेट में ले चुका है पिछले वर्ष 2020 में हमने इसकी भयानकता का मंजर भुगत चुके हैं। अभी थोड़ी सी राहत महसूस हुई और टीकाकरण तेजी के साथ,रणनीतिक तहत लगाने का कार्य 16 जनवरी से आरंभ हो चुका है परंतु उस से भी अधिक तेजी से कोरोना संक्रमण फिर से फैलने के कारण शासन, प्रशासन सहित सभी शासकीय संस्थाएं, स्वास्थ्य विभाग, बहुत तेजी से सक्रिय हुए है और तेजी से रणनीति बनाकर भिड़ गए हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री महोदय ने भी गंभीरता देखते हुए देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर विचार साझा किए और कुछ दिशानिर्देश सहित मंत्र दिए वहीं अनेक राज्यों ने भी सख़्ती से अपने अपने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसका 31 मार्च तक सभी स्कूल बंद, होली के संबंध में कुछ दिशानिर्देश, और अन्य राज्यों से आने वालों पर भी कुछ पाबंदियां लगाई है। वहीं मंगलवार दिनांक 23 मार्च 2021 को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा अपनी नई गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक लागू करने का निर्णय लिया है, वही 45 वर्ष से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को, एक अप्रैल 2021 से टीकाकरण लगाने की भी घोषणा की गई है। चाहे उस व्यक्ति को कोईभी अन्य बीमारी या तकलीफ नहीं हो, तो भी वह टीका लगाने के लिए पात्र होगा। अभी तक केवल 60 वर्ष के ऊपर या 45 वर्ष के ऊपर जिन्हें अधिसूचित किसी बीमारी से पीड़ित है उसी को टीके की अनुमति थी,परंतु अब तेजी से बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए सभी 45 वर्ष के ऊपर व्यक्तियों को टीके की अनुमति दी गई है और कोरोना वैक्सीन का भरपूर मात्रा में उपलब्ध होने की पुष्टि की गई है। दूसरे डोज की अवधि भी पहले 4 से 6 सप्ताह के बीच थी उसे अब बढ़ाकर 4 से 8 सप्ताह कर दी गई है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की पॉलिसी को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है। नई गाइडलाइंस एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए लागू होगी। केंद्र ने राज्यों से टेस्टिंग को बढ़ाने के आदेश दिए है। वहीं पॉजिटिव आए लोगों का इलाज सुनिश्चित करने को कहा है।इसके साथ ट्रैक की पॉलिसी पर काम करने की आवश्यकता है। टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर आइसोलेट करने का आदेश दिया गया है। यही नहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन तैयार करने पर जोर देना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना महामारी को प्रभावी तरीके से रोकने के तहत कंटेनमेंट जोन और एसओपीज (स्टैंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोजीसजर्स) के बाहर सभी गतिविधियों को मंजूरी रहेगी यानी कि एयर ट्रैवल-पैसेंजर ट्रेन-मेट्रो ट्रेन के जरिए आवाजाही की मंजूरीरहेगी एसओपी को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। राज्य और राज्यों के भीतर आवाजाही के लिए किसी विशेष इजाजत की मंजूरी नहीं लेनी होगी और जिन देशों के साथ मुक्त सीमा आवागमन रहा है, वहां भी रोक नहीं रहेगी। हालांकि राज्य/यूनियन टेरीटरी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठा सकेंगे और अपने यहां स्थानीय स्तर पर रिस्ट्रिक्शंस लागू कर सकेंगे।राज्यों व यूनियन टेरीटरीज को आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लानी होगी और इसे कम से कम 70 फीसदी या इससे अधिक के लेवल पर लाना होगा।कोई भी नया कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद उसे आइसोलेट किया जाएगा। इसके अलावा उसके संपर्क में आए हुए लोगों की पहचान कर उन्हेंभी आइसोलेट किया जाएगा पॉजिटिव केसेज और उनके संपर्क में आए हुए लोगों के आधार पर डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी सावधानपूर्वक कंटेनमेंट जोनका निर्धारण करेगी इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। सभी कंटेनमेंट जोन्स की जानकारी संबंधित डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स और राज्य/यूनियन टेरीटरी कीवेबसाइट पर नोटिफाई किया जाएगा। इसके अलावा इसकी सूची केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी साझा करनी होगी कंटेनमेंट जोन के लिए जारी निर्देशों का पालन करने की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय जिला, पुलिस और म्यूनिसिपल अथॉरिटीज की होगी और राज्य/यूनियन टेरीटरी ऑफिसर्स की अकाउंटेबेलिटी सुनिश्चित करेंगे।
-संकलनकर्ता कर विशेषज्ञ एड किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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