- लोकतांत्रिक व्यवस्था में रमेश सिंह को भी एक बार मौका मिलना चाहिए : शशिकांत
- जौनपुर के बाद गाजीपुर मतदान करने में दूसरे स्थान पर रहेगा
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर।
एमएलसी चुनाव के लिए मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रहा वैसे-वैसे चुनावी समीकरण भी बन बिगड़ रहा है। वाराणसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे है। अब जीत का सरताज किसके सिर बंधेगा इसका फैसला तो तीन दिसम्बर को ही होगा। अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए समर्थक एड़ी चोटी का जोर लगा दिए हैं। वाराणसी शिक्षक निर्वाच क्षएत्र के एमएलसी प्रत्याशी रमेश सिंह के आठ जिलों के समर्थक उन्हें इस बार किसी भी हालत में सदन में भेजने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए हैं।
महाविद्यालय शिक्षक संघ गाजीपुर के नेता डॉ. अश्वनी सिंह ने दूरभाष पर बताया कि रमेश सिंह भले ही जनपद जौनपुर के निवासी हैं लेकिन हम लोगों की एक पुकार पर जनपद में उपस्थित हो जाते हैं और शिक्षकों की समस्याओं को लेकर हमेशा चिंतनशील रहते है। मौजूदा समय में हम शिक्षकों को ऐसे विधान परिषद सदस्य की जरूरत है।
माध्यमिक शिक्षक संघ गाजीपुर केउपाध्यक्ष शशिकांत सिंह ने कहा कि इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को मौका मिलना चाहिए। प्रत्याशी रमेश सिंह ने माध्यमिक शिक्षक संघ को मजबूत बनाने में अहम भू्मिका निभाई है और जब उनका यह पहला और अंतिम चुनाव है तो हम शिक्षक भी निर्णय ले चुके हैं कि किसी भी हालत में उन्हें जीता कर सदन में पहुंचाना है। रमेश सिंह के समर्थन में अटेवा संघ गाजीपुर के नेता अंजनी सिंह ने कहा कि रमेश सिंह एक ऐसे शिक्षक नेता जो हमेशा शिक्षकों की आवाज को बुलंद किया। ऐसे हम शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि उन्हें भारी मतों से जीताकर सदन में भेजें। उन्होंने यह भी कहा कि जौनपुर के बाद अगर वोट देने में दूसरे स्थान पर गाजीपुर जनपद ही रहेगा।
राजकीय शिक्षक संघ गाजीपुर के नेता सीपी सिंह ने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ भी यह निर्णय लिया है कि प्रत्याशी रमेश सिंह को भी एक बार सदन में भेज कर उनका भी कामकाज देख लिया जाय। दो पूर्व एमएलसी का कामकाज शिक्षक देख चुकें है। माध्यमिक शिक्षक संघ गाजीपुर के संयुक्त मंत्री अजय सिंह ने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ इस बार एमएलसी प्रत्याशी रमेश को गाजीपुर से भारी मतों से जीताकर सदन में भेजने के लिए मन बना चुका है क्योंकि वहीं एक शिक्षक है जो हर शिक्षकों के सुख -दुख में हमेशा शामिल होते है। ऐसे हम शिक्षकों को ऐसे ही प्रतिनिधि की मौजूदा समय जरूरत है।
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