विद्युत करंट से मौत की बात निकली झूठी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासाखुटहन, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के मलूकपुर गांव में गत 5 जनवरी को खेत की सिंचाई करने गए दंपति की मौत का कारण फसल की सुरक्षा के लिए विद्युत प्रवाहित नंगे तार की चपेट में आ जाने से माना जा रहा था। पुलिस आरोपित काश्तकारों के बयान को आधार मानकर अपहरण व हत्या का मुकदमा दर्ज कर घटना का पर्दाफाश भी कर दिया था लेकिन गुरुवार को पीएम रिपोर्ट आते ही घटना में नया मोड़ आ गया जिसमें स्पष्ट किया गया है कि दंपति की मौत करंट से नहीं, गला घोंटने से हुई।
गांव निवासी 58 वर्षीय रामचरित्तर गौतम अपनी 56 वर्षीया पत्नी किस्मत्ती देवी के साथ गत 5 जनवरी की भोर घर से लगभग 400 मीटर दूर बंटाई पर लिए गए खेत की सिंचाई करने गए थे। जहां से संदिग्ध हाल में दोनों लापता हो गए। घटनास्थल पर उनकी साइकिल, चप्पल और फावड़ा पड़ा मिला था। घटना के दूसरे दिन मृतक की बेटी सरिता ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि बगल के काश्तकार अकबरपुर गांव निवासी पूर्व प्रधान कमलेश सिंह, इनके भाई अखिलेश सिंह, सुनील सिंह व एक अन्य काश्तकार फसल की सुरक्षा के लिए नंगे तार की बाढ़ घेरे हैं। उससे सटा हुआ बंटाई का हमारा खेत होने के चलते वे रंजिश रखते थे। आरोप के आधार पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर काश्तकार कमलेश सिंह को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने पुलिस को गुमराह करते हुए स्वीकार किया कि उनकी मौत बाढ़ के तार के करंट की चपेट में आने से हुई थी। कानून से बचने के लिए दोनों शवों को वाहन में लाद लगभग 8 किमी दूर बासूपुर गांव के शारदा सहायक नहर में फेंक दिया था। घटना के नौवें दिन 13 जनवरी को पुलिस ने पत्नी तथा दूसरे दिन 14 को पति का भी शव बरामद कर पीएम के लिए भेज दिया। पीएम रिपोर्ट में घटना में एक नया मोड़ आते ही प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई जिसमें स्पष्ट किया गया है कि दंपति की मौत करंट से नहीं गला दबाकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के खुलासे ने सभी को अचंभित कर दिया।
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