उमरवार में सावित्री बाई फुले की मनायी गयी जयन्ती
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के उमरवार गांव में बन्धुता मंच के बैनर तले सावित्री बाई फुले की जयंती धूमधाम से मनाई गई। उपस्थित सभी लोगों ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित उन्हें याद किया। इस बाबत बन्धुता की साथी नीरा आर्या ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले का जीवन चरित्र संपूर्ण मानव समाज के लिए एक प्रेरणा पुंज है। आधुनिक भारत में प्रथम महिला शिक्षक बनकर समस्त नारी समाज का गौरव बढ़ाते हुए नारी सशक्तिकरण हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने के साथ ही बालिकाओं की शिक्षा के लिए एक विद्यालय की स्थापना कर प्रधानाचार्य का भार भी संभाल सामाजिक पाबंदियों के बीच भारी विरोध को सहते हुए बालिका, स्त्री और दलितों की शिक्षा की अखंड ज्योति भी जलाई।
वहीं मौजूद सभी महिलाओं ने सावित्री बाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमेशा उनके विचारों का आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर गीता, मीरा, आशा, रेखा, सीमा, हिरावती, सुमन, रिंकी, शिवलाल, समय सहित तमाम लोगों की उपस्थिति रही।
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के उमरवार गांव में बन्धुता मंच के बैनर तले सावित्री बाई फुले की जयंती धूमधाम से मनाई गई। उपस्थित सभी लोगों ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित उन्हें याद किया। इस बाबत बन्धुता की साथी नीरा आर्या ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले का जीवन चरित्र संपूर्ण मानव समाज के लिए एक प्रेरणा पुंज है। आधुनिक भारत में प्रथम महिला शिक्षक बनकर समस्त नारी समाज का गौरव बढ़ाते हुए नारी सशक्तिकरण हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने के साथ ही बालिकाओं की शिक्षा के लिए एक विद्यालय की स्थापना कर प्रधानाचार्य का भार भी संभाल सामाजिक पाबंदियों के बीच भारी विरोध को सहते हुए बालिका, स्त्री और दलितों की शिक्षा की अखंड ज्योति भी जलाई।
वहीं मौजूद सभी महिलाओं ने सावित्री बाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमेशा उनके विचारों का आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर गीता, मीरा, आशा, रेखा, सीमा, हिरावती, सुमन, रिंकी, शिवलाल, समय सहित तमाम लोगों की उपस्थिति रही।
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