Navi Mumbai : ​एक भी अवैध बांग्लादेशी महिला को न मिले लाडली बहना योजना का लाभ : देवकीनंदन ठाकुर

देशहित में लगना चाहिए इस योजना का पैसा
नवी मुंबई। खारघर में चल रही भागवत कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने समाज और धर्म से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने हिंदू समाज के अधिकारों, सरकारी नीतियों और धर्म की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए. देवकीनंदन ठाकुर ने महाराष्ट्र सरकार की लाडली बहना योजना पर अपनी चिंता जताई. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की कि इस योजना का लाभ एक भी अवैध बांग्लादेशी महिला को नहीं मिलने. उन्होंने कहा, "जिन बांग्लादेशी महिलाओं के भाइयों ने हिंदुओं की हत्याएं की और लगातार तमाम अत्याचार किए उनको हिंदुओं के टैक्स का एक भी पैसा नहीं मिलना चाहिए। हिंदू समाज सबसे ज्यादा टैक्स देता है. इस योजना का पैसा देशहित में लगना चाहिए, न कि उन लोगों पर, जो भारत और हिंदू धर्म के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं.

सनातन बोर्ड के गठन की मांग
कथावाचक ने कहा कि जैसे मुस्लिमों के पास वक्फ बोर्ड, सिखों और ईसाइयों के पास उनकी संस्थाएं हैं, वैसे ही सनातन धर्म के लिए भी एक बोर्ड होना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना होगा। सनातन धर्म के चार शंकराचार्य इस बोर्ड का संचालन करें। यह हमारी परंपरा की रक्षा और मंदिरों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है।" मंदिरों से मिलने वाले पैसों को गुरुकुल एवं गरीबों के उत्थान पर खर्च करना चाहिए.

प्रयागराज धर्म संसद में पहुंचे सनातनी
ठाकुर ने कहा कि 27 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ मेले में सनातन धर्म संसद आयोजित होने जा रही है। उन्होंने सभी सनातनियों और हिंदुओं से इसमें शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा,"ये समय है कि हम अपने अधिकारों के लिए एकजुट हों और सरकार को ये बताएं कि हमें अपने मंदिरों और धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड चाहिए।"

बांग्लादेशियों को नहीं देनी चाहिए मदद
देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश को चावल और अन्य सहायता भेजने पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "जब तक बांग्लादेश हिंदुओं के खिलाफ हुए अत्याचारों को स्वीकार नहीं करता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाता, तब तक किसी भी प्रकार की मदद नहीं की जानी चाहिए। अगर बांग्लादेश वास्तव में पश्चाताप करना चाहता है, तो वहां हिंदुओं के लिए एक अलग राष्ट्र की व्यवस्था करनी चाहिए।" ठाकुर ने सुझाव दिया कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था में रामायण और भागवत को शामिल किया जाए। उनका कहना था, "इससे हर घर को एक मजबूत सनातनी बेटा या बेटी मिल सकेगी, जो धर्म और परंपराओं का पालन करेगी। अगर सनातनी रामायण गीता को पढ़ेगा तो समाज को अच्छे से चलायेगा।"

देश में चल रहे धर्म परिवर्तन को लेकर जताई चिंता
उन्होंने स्कूलों में तिलक लगाकर जाने पर प्रतिबंध लगाने को एक षड्यंत्र करार दिया और पूछा, "क्या आज स्कूल धर्म परिवर्तन का अड्डा बनते जा रहे हैं?" उन्होंने समाज और सरकार दोनों से इस पर जागरूक होने की अपील की।

वक्फ बोर्ड और शिंदे सरकार पर सवाल
कथावाचक ने वक्फ बोर्ड को दी जा रही आर्थिक मदद पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "अगर वक्फ बोर्ड को फंड मिल सकता है, तो सनातन बोर्ड को क्यों नहीं? इस फंड का उपयोग गुरुकुल, अस्पताल और गौशालाओं के निर्माण में किया जा सकता है।"

समाज और सरकार को जागरूक होने की अपील
देवकीनंदन ठाकुर के बयान ने सनातन धर्म और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है। उन्होंने धर्म और समाज के हित में ठोस कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि हर सनातनी को इन मुद्दों पर जागरूक होना चाहिए।


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