मृतक अपने पीछे छोड़ गया 2 बेटा और 2 बेटी
श्याम चंद्र यादव
खेतासराय, जौनपुर। क्षेत्र के अब्बोपुर-जैगहा मोड़ पर बुधवार की शाम सड़क दुर्घटना में घायल एक अधेड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने शव लेकर घर पहुंचे तो पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गौरतलब हो कि बीते बुधवार की शाम उक्त मोड़ पर बाइकों की टक्कर में 4 लोग घायल हो गए जिसमें लतीफपुर गांव निवासी राममूरत बिंद पुत्र कुबेर बिंद 53 वर्ष गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलावस्था में सीएचसी शाहगंज ले गए थे, जहां चिकित्सकों ने स्थित नाजुक देखते हुए रेफर कर दिया था। शाहगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जहां पर इलाज चल रहा था। शुक्रवार को उक्त अधेड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। शव को घर लेकर पहुंचे तो मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के 4 बच्चे है, जिसमें सबसे बड़ा बेटा संदीप 22 वर्ष का है, इसके बाद 2 बेटी और एक छोटा बेटा 12 वर्ष का है। इन 4 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया वहीं अब घर का बोझ बड़े बेटे संदीप के कंधों पर आ गया। मृतक खेती किसानी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था।
श्याम चंद्र यादव
खेतासराय, जौनपुर। क्षेत्र के अब्बोपुर-जैगहा मोड़ पर बुधवार की शाम सड़क दुर्घटना में घायल एक अधेड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने शव लेकर घर पहुंचे तो पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गौरतलब हो कि बीते बुधवार की शाम उक्त मोड़ पर बाइकों की टक्कर में 4 लोग घायल हो गए जिसमें लतीफपुर गांव निवासी राममूरत बिंद पुत्र कुबेर बिंद 53 वर्ष गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलावस्था में सीएचसी शाहगंज ले गए थे, जहां चिकित्सकों ने स्थित नाजुक देखते हुए रेफर कर दिया था। शाहगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जहां पर इलाज चल रहा था। शुक्रवार को उक्त अधेड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। शव को घर लेकर पहुंचे तो मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के 4 बच्चे है, जिसमें सबसे बड़ा बेटा संदीप 22 वर्ष का है, इसके बाद 2 बेटी और एक छोटा बेटा 12 वर्ष का है। इन 4 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया वहीं अब घर का बोझ बड़े बेटे संदीप के कंधों पर आ गया। मृतक खेती किसानी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था।
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