क्षेत्रीय भाषाओं में नागरी लिपि के प्रयोग से राष्ट्रीय एकता को मिलेगा बल: पूर्व कुलपति
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में नागरी लिपि परिषद की बैठक शनिवार को हुई जहां नागरी लिपि परिषद पूर्वांचल विश्वविद्यालय इकाई का अध्यक्ष डॉ ब्रजेश यदुवंशी को बनाया गया। इस मौके पर नागरी लिपि के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बैठक की अध्यक्षता करने वाले नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ पीसी पतंजलि ने डॉ ब्रजेश यदुवंशी को अंगवस्त्रम भेंट करके सम्मानित किया। साथ ही नागरी लिपि परिषद दिल्ली के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ पतंजलि ने कहा कि नागरी लिपि का प्रयोग पूरी दुनिया में हिंदी संस्कृत के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के लेखन के लिए उपयोग किया जा रहा है। नागरी लिपि के प्रचार प्रसार के लिए शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। नागरी लिपि के वैज्ञानिकता को लेकर शिक्षण संस्थानों में कार्यशालाएं भी आयोजित की जायेंगी। टंकण की दृष्टिकोण से नागरी लिपि परिषद शिक्षक एवं छात्रों के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि नागरी लिपि परिषद अपने स्थापना दिवस की स्वर्ण जयंती भी मना रही है। नागरी लिपि को जरूरत के हिसाब से पाठ्यक्रमों में भी उपयोग में लाया जाएगा। इसी क्रम में पूर्व कुलपति ने कहा कि नागरी लिपि परिषद के पूर्वांचल विश्वविद्यालय इकाई का अध्यक्ष प्रख्यात साहित्यकार एवं वैश्विक स्तर पर हिंदी नागरी लिपि एवं भारतीय संस्कृति को बढावा देने वाले डा ब्रजेश यदुवंशी को यह दायित्व सौंपा गया है। इस अवसर पर प्रो अविनाश पार्थिडेकर, प्रो बीडी शर्मा, डॉ अवधेश यादव, डॉ वीरेंद्र, डॉ दिलीप सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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