नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। भविष्य में रोगों से बचने के लिए तथा उनसे लड़ने के लिए महत्वपूर्ण हर्बल तत्वों का उपयोग बहुत जरूरी है। जिसके लिए हमें अपने खाद्य पदार्थ में उन्हें शामिल करना बेहद आवश्यक है, जैसे दूध दही तथा उन से बनी मिठाई अथवा उपयोगी खाद्य पदार्थ। तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विभाग के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा दूध के कुल नौ नए हर्बल एवं मेडिसिनल उत्पाद पर शोध किया गया। जोकि भविष्य में होने वाले रोगों से हमें बचाने के लिए तथा मनुष्य के इम्यूनिटी की पूर्ति करने में कारगर होगा।जिसका परीक्षण महाविद्यालय के प्रबंधक राघवेंद्र प्रताप सिंह, कृषि के ज्ञाता व महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह एवं महाविद्यालय के अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा किया गया।


उक्त अवसर पर पशुपालन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ मानवेंद्र सिंह ने पशुपालन एवं दुग्ध विभाग में परास्नातक एवं पीएचडी के विद्यार्थियों के प्रयोग हेतु पीली कोठी स्थित कृषि फार्म पर एक वृहद परियोजना बनायी जिसपे महाविद्यालय के प्रबंधक द्वारा स्वीकृति प्राप्त हुई। विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ०मनोज मौर्या के विभागीय पुस्तकालयमांग पर भी प्रबंधक की स्वीकृति प्राप्त हुई। विभागाध्यक्ष डॉ राजेश पाल ने सभी को धन्यवाद देते हुए सभी को आश्वस्त किया कि जल्द ही पशुपालन एवं दुग्ध विभाग जिले ही नहीं अपितु प्रदेश में एक कीर्तिमान स्थापित करेगा। शोध में तुलसी रसगुल्ला, पुदीना रसगुल्ला, कीवी दही , तुलसी आइस क्रीम, अनानास युक्त बर्फी, पुदीना युक्त गुलाब जामुन, श्री खंड, लस्सी, सोयापनीर आदि पर शोध हुआ। छात्रों में अतुल सिंह , आशीष सिंह , देवाशीष , राजगोविंद, सूरज सिंह , सतेंद्र , आशीष चौहान , निखिल ,सत्य प्रकाश , अन्य छात्र उक्त अवसर पर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अखिलेश सिंह एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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