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मंशापूर्ण हनुमान मठ टीकमगढ़ में स्थापित है बुंदेलखंड की बड़ी गौशाला
टीकमगढ़। बुंदेलखंड क्षेत्र के टीकमगढ़ जिले में झिरकी बगिया आश्रम के नाम से प्रसिद्ध महंत नारायण दास त्यागी का रामानंदीय संप्रदाय अयोध्या से जुड़ा मंशापूर्ण हनुमान मठ है जहाँ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले सिद्ध हनुमान स्वामी का मंदिर और ठाकुर द्वारा भी विद्यमान है। वैसे तो आश्रम प्रांगण में कई मंदिर हैं। साथ ही आश्रम में बुंदेलखंड की बड़ी गौशाला मौजूद है जहाँ गायों की सेवा हेतु तमाम संत 24 घंटे लगे रहते हैं। आश्रम के सामने रमणीक झील है और झील से जुड़ा गायत्री ज्ञान पार्क है। आश्रम लगभग 100 हेक्टेयर में फैला है। आश्रम के प्रबंधन एवं संचालन की जिम्मेवारी स्वयं महंत नारायण दास त्यागी निभाते हैं। मंशापूर्ण हनुमान मठ के कई जनपदों में शृंखलाबद्ध आश्रम भी हैं। महंत नारायण दास का जन्म सतना जनपद में हुआ। इन्होंने 16 वर्ष की अवस्था में ही गृह त्याग दिया था और नरसेवा हेतु वसुधैव कुटुंबकम की भावना से देशाटन में निकल पड़े। नारायण दास त्यागी नें महंत रामदास त्यागी से गुरुदीक्षा ली और अब विगत 10 वर्षों से पूर्णतः बुंदेलखंड की सेवा में लगें हैं। उन्होंने गुरुदीक्षा से पहले 2010 तक बुंदेलखंड में कृषि सुधार को लेकर आधुनिक वैज्ञानिक खेती, जैविक कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी काम किया और आज भी वह गौसंवर्धन के साथ पर्यावरण संरक्षण और जैविक कृषि पर जोर देते हैं।
महंत नारायण दास त्यागी कोविड महामारी में गरीबों को आवश्यक वस्तुओं का दान और दिन भर लंगर की व्यवस्था कर रखी है जो अनवरत जारी है। उन्होंने यह घोषणा की है कि संरक्षणविहीन भटक रही गायों को आश्रम में संरक्षण दिया जायेगा। गौ भक्त आश्रम में गायों को पहुंचा सकते हैं। टीकमगढ़ पर्यटन का केंद्र बिंदु है झिरकी बगिया आश्रम जहां सुबह-शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा भी लगती है आश्रम में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है। गुरुदेव ने आश्रम में छात्रों के रहने की निःशुल्क व्यवस्था की है जहाँ कई छात्र निःशुल्क रहते हैं।
हाल ही में चायीनीज वायरस कोविड महामारी के दूसरे फेस की भयावह स्थित को देखते हुए महंत नारायण दास त्यागी ने विश्व शांति और पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए महा यज्ञ किया है और पूरे देश के सनातनियों को भी अपने घरों मे ही हवन या यज्ञ करने का आह्वान किया है। महंत को उनके सेवा कार्यों को लेकर कई पुरस्कार भी मिले जिनमें रामानंदीय संप्रदाय अयोध्या से संतशिरोमणि पुरस्कार और एकीकृत ग्राम्य विकास कार्यक्रम की तरफ से पर्यावरण संरक्षक पुरस्कार, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा बुंदेलखंड गौरव सम्मान और कोविड महामारी में जनसेवा के लिए कई संगठनों से कोरोना वॉरीयर और कर्मवीर योद्धा सम्मान से सम्मानित किये गए।
त्यागी जी बुंदेलखंड अलग राज्य को लेकर भी कई बार आंदोलन कर चुके हैं और लगातार केंद्र सरकार से बुंदेलखंड अलग राज्य बनाने की माँग कर चुके हैं। उनका बुंदेलखंड अलग राज्य की माँग कर रहे सभी संगठनों एवं बुंदेलियों के अधिकारों की लडाई लड़ रहे संस्थाओं को पूरा समर्थन रहता है। वर्तमान में वह बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के संरक्षक मण्डल में हैं। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना प्रचार प्रसार अभियान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। कई बड़े राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारी उनके शिष्य हैं। उनका मठ राजधानी भोपाल मे भी है। महंत नारायण दास त्यागी को उनके द्वारा जाति प्रथा व बंधन को त्याग एवं समभाव से वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ सनातन धर्म और संस्कृति का प्रचार एवं प्रसार करना ही उन्हें त्यागी बनाते हैं। उनका सिद्धांत की सब बराबर हैं और हम सब एक ही ईश्वर की संतान है।
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