नया सबेरा नेटवर्क
- ओपन स्पेस के 16वें एपिसोड में आमंत्रित चित्रकार के रूप में नवल किशोर, कनु पटेल और अखिलेश निगम रहे
लखनऊ। कला साधना से जुड़ा हुआ है। जो साधना करता है वही कुछ हासिल कर पाता है। कला ईश्वर के पास ले जाती है। इसलिए साधना बहुत जरूरी है। नवल किशोर की कृतियों की पृष्ठभूमि में अक्सर बनावट टेक्सचर का एक खुदरापन आ जाता है बड़ी खामोशी से जब तक गौर न किया जाए वह झलकता नहीं। इनकी कृतियाँ प्रेम रंग में सराबोर हैं , उनका ये सरबोरपन उनकी कृतियों के सुखान्तपन को रेखांकित करती हैं। चटख लाल रंग उनका प्रिय रंग है। जिसकी व्याख्या उनकी कृतियों का सुगढ़पन स्वयं कर देता है।
अस्थाना आर्ट फ़ोरम के ऑनलाइन मंच पर ओपन स्पसेस आर्ट टॉक एंड स्टूडिओं विज़िट के 16वें एपिसोड का लाइव आयोजन रविवार 5 सितंबर 2021 को 3 बजे किया गया। इस एपिसोड में आमंत्रित कलाकार के रूप में देश के प्रख्यात चित्रकार नवल किशोर रस्तोगी रहे। इनके साथ बातचीत के लिए गुजरात से कनु पटेल वरिष्ठ चित्रकार, फ़िल्म एवं धारावाहिक अभिनेता और इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ चित्रकार , कला समीक्षक, इतिहासकार अखिलेश निगम भी शामिल हुए। कार्यक्रम ज़ूम मीटिंग द्वारा लाइव किया गया। कार्यक्रम के संयोजक भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि नवल किशोर रस्तोगी उत्तर प्रदेश के रामपुर के मूल निवासी हैं। वर्तमान में नई दिल्ली में अपने स्थापित स्टूडिओं "तपस्थली" में काम कर रहे हैं। उन्होंने लखनऊ कला महाविद्यालय से कला की शिक्षा प्राप्त की उसके बाद अपने आपको कलाकार के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर कला कर्म कर रहे हैं। नवल के चित्रों की प्रदर्शनी देश विदेशों में दर्जनों की संख्या में लग चुकी हैं। साथ ही इन्हें कला के अनेकों पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हैं। इनके कलाकृतियों का संग्रह प्राइवेट और अनेकों संस्थानों में भी किये गए हैं। नवल किशोर के नायिका श्रृंखला बहुत प्रसिद्ध रही जिसमे 100 से ज्यादा पेंटिंग बनी जो अब कलाप्रेमियों के संग्रह में हैं।
कोई भी कला हो वह अभिव्यक्ति ही करती है। बस उसके रूप अलग अलग हो सकते हैं। इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि के रूप में श्री अखिलेश निगम ने कहा कि सुंदर आयोजन के लिए अस्थाना आर्ट फोरम को बधाई. प्रयास जारी रखें। नवल किशोर लखनऊ आर्ट्स कालेज की पौध हैं, मेरे प्रिय हैं. परिश्रमी हैं, मिलनसार हैं और सृजनशील तो हैं ही तभी कम समय में ही अपनी अलग एक पहचान बना सके हैं, और अपनी शैली भी परिष्कृत कर पायें। इनसे बड़ी आशाएं हैं. मैं इनके उज्जवल भविष्य की शुभेच्छा रखता हूँ। वहीं कनु पटेल एक बहुआयामी कलाकार हैं। उनके चित्रों में आधुनिक सोच दिखती है। वे रंगमंच और फिल्मों में भी अच्छी दखल रखते हैं. उनकी सधी वाणी ने कार्यक्रम को एक विस्तार दिया है।
गुजरात से कनु पटेल कला के अनेकों विधाओं से जुड़े हैं। उन्होंने दर्जनों एकल, सामूहिक और लाइव प्रदर्शन, तमाम कला गतिविधियों, सम्मेलनों, कला पर बातचीत, कार्यशालाओं में भी भागीदारी की है। साथ ही ड्रामा और फ़िल्म में भी दर्जनों वर्कशॉप, कैम्प,सेमीनार में भी कनु पटेल ने भागीदारी की है। गुजराती, हिंदी और राजस्थानी फिल्मों में अभिनय के तौर पर भी भूमिका निभाई है। उन्होंने फ़िल्म, लघु फ़िल्म, टी वी सिरियल्स के प्रोडक्शन, आर्ट डायरेक्शन में योगदान दिया है। कनु पटेल कला के सम्पूर्ण विधा में अपना योगदान लगातार देते आ रहे हैं और आज भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। धारावाहिक श्रीकृष्ण में इनके गुरु द्रोणाचार्य के अभिनय को बहुत सराहना मिली, जिसे आज भी लोग विशेष रूप में देखते हैं।
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