नया सबेरा नेटवर्क
प्रयागराज । महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में जैसे-जैसे सीबीआई और एसआईटी की जांच आगे बढ़ रही है तो वैसे ही रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। महंत नरेंद्र गिरी के ड्राइवर दुर्गेश ओझा ने मीडिया के पूछे गए सवाल पर कहा कि गुरुजी घटना वाले दिन मठ से बाहर ही नहीं निकले। ड्राइवर दुर्गेश ने बताया कि महाराज जी ने मुझे सुबह बुलाया था और मेरी तबीयत के बारे में पूछा, जब मैंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है तो महंत नरेंद्र गिरी ने मुझे आराम करने के लिए बोला था। उसके बाद अपने कमरे में चला आया।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र की गाड़ी को कई सालों दुर्गेश ओझा चलाते हैं। दुर्गेश ने बताया कि महंत जी हर दिन की तरह सभी से बिल्कुल साधारण तरीके से मिल रहे थे। कहीं से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि इस तरह का खौफनाक कदम महाराज जी उठा सकते हैं। मीडिया के पूछे गए सवाल पर ड्राइवर दुर्गेश ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि अपनी बातें किसी के साथ शेयर भी नहीं करते थे और अगर अपनी बातें शेयर करते तो इस तरह की घटना नहीं होती। जब मीडिया ने ड्राइवर से पूछा फोन पर कभी किसी से टेंशन को लेकर बात करते थे। इस पर दुर्गेश ने कहा कि गाड़ी में किसी से कभी ऐसी बात गाड़ी में नहीं करते थे। दुर्गेश के मुताबिक, महंत जी को देखकर उस दिन ये एहसास नही हुआ की इतना बड़ा वो कदम उठा सकते हैं।
महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के विवाद को लेकर ड्राइवर दुर्गेश ने कहा कि आनंद गिरी से विवाद जगजाहिर है। ये बात हर किसी को पता है और अगर सुसाइड नोट में आनंद गिरी का नाम है तो हो सकता है। मीडिया ने जब पूछा कि क्या महाराज जी आत्महत्या कर सकते हैं तो ड्राइवर बोला जी ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन हां वह सुसाइड नोट उनका हो सकता। एक मुंशी के जरिए सब लिखवाते थे, लेकिन उनका समय आ गया था और उनको जरूरत थी, इसलिए उन्होंने सुसाइड नोट अपने हाथों से लिखा था।
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