नया सबेरा नेटवर्क
गुवाहाटी । हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बंद हो चुके नगांव और कछार कारखानों के दो और कर्मचारियों की असम के मोरीगांव जिले में मौत हो गई, जिसके कारण इन कारखानों के बंद होने के बाद से मारे गए कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है। एक यूनियन नेता ने यह जानकारी दी।
दोनों कारखानों की ‘ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज्ड यूनियंस’ (जेएसीआरयू) के अध्यक्ष मानवेंद्र चक्रवर्ती ने बताया कि नगांव कागज कारखाने में काम करने वाले मधुमेह से पीड़ित 60 वर्षीय राजेंद्र कुमार नाथ की दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को मौत हो गई और कछार कारखाने की 59 वर्षीय कर्मचारी श्यामा काटा कुर्मी की गुर्दे और यकृत की बीमारी के कारण बृहस्पतिवार को मौत हो गई।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार के मई में लगातार दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद से इन कारखानों के 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमारे अधिकतर कर्मचारियों की मौत उचित इलाज के अभाव में हुई है क्योंकि उन्हें पिछले 55 महीनों से वेतन या बकाया नहीं मिला है। ये सामान्य मौतें नहीं हैं, बल्कि हमारे लोग अधिकारियों की उदासीनता के कारण मारे जा रहे हैं।’’
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