नया सबेरा नेटवर्क
नई दिल्ली । रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
गुजरात में दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में पिछली बार 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे। भाजपा को 99 सीटें और 50 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत एक फीसदी जरूर बढ़ा था, लेकिन 22 साल बाद उसकी सीटें सौ के नीचे चली गई थीं। इससे पहले 1995 में भाजपा को 121 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद 1998 में भाजपा को 117, 2002 में 127, 2007 में 117, 2012 में 115 सीटें मिली थीं। बता दें कि गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं।
गुजरात की सियासत में एक दिलचस्प बात यह भी रही है कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद यहां कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। मोदी के बाद आनंदी बेन पटेल और फिर विजय रूपाणी ने राज्य की सत्ता संभाली थी।
गुजरात में 23 साल में पांच मुख्यमंत्री बदले
केशुभाई पटेल 1995 में सात महीने तक मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन इसके बाद सत्ता शंकर सिंह वाघेला के हाथों में चली गई। केशुभाई 4 मार्च 1998 को दोबारा मुख्यमंत्री बने और करीब साढ़े तीन साल यानी 6 अक्टूबर 2001 तक मुख्यमंत्री रहे।
केशुभाई के बाद नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री बने। वे 22 मई 2014 तक इस पद पर रहे। उनके बाद आनंदीबेन पटेल 7 अगस्त 2016 तक दो साल तीन महीने मुख्यमंत्री रहीं।
आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद विजय रूपाणी को राज्य की कमान मिली। वे दिसंबर 2017 तक मुख्यमंत्री रहे। फिर विधानसभा चुनाव के बाद भी उन्हें ही कमान मिली।
रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। विधानमंडल दल की बैठक में रुपाणी को विधायक दल का नेता और नितिन पटेल को उपनेता चुना गया था। रुपाणी ने 26 दिसंबर 2017 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
पिछले महीने ही रूपाणी ने सीएम के तौर पर 5 साल पूरे किए थे। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि अब उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि सीएम रहते हुए उन्हें गुजरात की जनता का भरपूर समर्थन मिला। राज्य के विकास में योगदान करने का भी उन्हें मौका मिला।
भाजपा ने पिछले साल 14 मार्च को गुजरात में सत्ता के 25 साल पूरे कर लिए। 14 मार्च 1995 को गुजरात में भाजपा ने परचम लहराया था और भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी। केशुभाई पटेल गुजरात में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनाए गए थे।
इसके 6 महीनों बाद ही केशुभाई सरकार में बगावत हो गई। मामला शांत नहीं होने पर सुरेश मेहता को मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके बाद 1998 में गुजरात विधानसभा के चुनावों में भाजपा ने 117 सीटों पर जीत दर्ज की। इस बार भी केशुभाई के नेतृत्व में सरकार बनी।
अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल के जाने के बाद गुजरात की सत्ता नरेंद्र मोदी के हाथों में आई। 2002 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 127 सीटें और 2007 में 116 सीटें जीती थीं। इसके बाद 2012 में यानी की लगातार 5वें विधानसभा चुनावों में 115 सीटों के साथ नरेंद्र मोदी तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
2014 में मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें और आनंदीबेन पटेल को राज्य का सीएम बनाया गया। इसके बाद अगस्त 2016 में विजय रूपाणी मुख्यमंत्री बने।
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