भारत में बेरोजगारी दूर करने का स्थाई उपाय - युवकों को स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता को सबसे बढ़े कुछल कार्यबल में बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी | #NayaSaberaNetwork



हर भारतीय में गॉड गिफ्टेड कुछल कारीगरी समाई है - स्वयं  स्फूर्ति से कुछल कार्यबल में बदलने का ज़जबा कार्यशील करें - एड किशन भावनानी
नया सबेरा नेटवर्क
गोंदिया - भारत में बेरोज़गारी की समस्या तो हम दशकों से पढ़ते -सुनते आ रहे हैं। परंतु पिछले वर्ष से जब से कोरोना महामारी का आगाज़ हुआ है, तब से अबतक बेरोज़गारी बढ़ने का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो कि अभी हाल ही में जारी हुई सीएमआईई और एमओएसपीआई रिपोर्ट में भी बेरोजगारी के वृद्धि को दर्शाया गया है।...साथियों बात अगर हम इस बेरोजगारी को दूर करने की करें तो इस प्रोजेक्ट में हम सभको मिलकर सहभागी होने की जरूरत है केंद्र और राज्य सरकारें, विपक्ष और सबसे अहम रोल हम नागरिकों का हैं। इस समस्यासे सभको मिलकर इससे लड़ाई में अपना योगदान देने की जरूरत है। हम टीवी चैनलों पर बेरोजगारी के संबंध में डिबेट देखते हैं जिसमें पक्ष और विपक्ष की दलीलें सुनते हैं, पर उनका समाधान करने की और मिलकर कदम बढ़ाने की बातें नहीं सुनी...। साथियों बात अगर आम बेरोजगारी का अंदाजा लगाने की करें तो उपरोक्त रेटिंग एजेंसीज द्वारा प्रतिशत के रूप में आंकड़ा अनेक लोगों की समझ में नहीं आता, परंतु अक्सर हम अखबारों तथा टीवी चैनलों के माध्यम से पढ़ते और सुनते हैं कि, जब एक हजार पदों के लिए किसी सरकारी विभाग ने आवेदन एक लाख से अधिक लोगों का आता है तो हमें समझ में आता है कि कितनी बेरोजगारी है। मेरा ऐसा मानना है कि आज कुछ अपवाद छोड़ दें तो हर व्यक्ति पढ़ लिखकर सरकारी या निजी क्षेत्र में जॉब करने की चाहना रखता है। परंतु उस अनुपात में नौकरियां सृजित नहीं हो पाती, और बेरोजगारी की खाई बढ़ती जा रही है। जिसके लिए हमें अब अपनी सोच को बदल कर स्वयंम पर विश्वास कर अपने गॉडगिफ्टेड बौद्धिक क्षमता और कुछल कार्यबल पर विश्वास कर स्वयं रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाना होगा, जिससे हम स्वयं तो रोजगार पा सकेंगे बल्कि अनेकों को रोजगार दे दी सकेंगे...। साथियों बात अगर हम बेरोजगारी की समस्या की करें तो  बुधवार 4 अगस्त 2021 को टीवी चैनल के एक डिबेट में कहा जा रहा था कि यह बेरोजगारी की समस्या डेमोग्राफिक डिजास्टर में तब्दील हो सकती है जिसे रोकने के लिए केंद्र या राज्य सरकारें और विपक्ष को भी साथ मिलकर सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है। हालांकि हम वर्तमान मानसून सत्र में देख रहे हैं कि पिछले पूरे दिनों से संसदसत्र का कामकाज ठप पड़ा है एक घंटा चल कर संसद स्थागित हो रही है और बिल पारित होने को लेकर चाट पपड़ी जैसी टिप्पणियों की जा रही है। जिसकी निंदा पीएम को भी करनी पड़ी...। साथियों बात अगर हम स्वयंरोजगार और आत्मनिर्भरता की करें तो केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए कदम में दिनांक 4 अगस्त 2021 को पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ पर आयोजित एक वेबीनार, युवा सशक्तिकरण और खेल विकास पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव, इस विषय पर एक वेबिनार में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा, एनईपी 2020 भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगा और इसका लक्ष्य भारत को दुनिया के सबसे बड़े कुशल कार्यबल में बदलना है। नई शिक्षा नीति में पीएम द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को साकार करने के निर्धारण कारक के रूप में कौशल विकास पर ज़ोर देनेके साथ भारत के युवाओं के समग्र विकास की कल्पना की गई है। यहां तक ​​कि मध्यम स्तर के छात्रों को भी व्यावसायिक कौशल जैसे बढ़ईगीरी, नलसाजी, बिजली की मरम्मत, बागवानी, मिट्टी के बर्तनों, कढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। नीति के तहत 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि स्कूल स्तरपर अर्जितव्यावसायिक कौशल को उच्च शिक्षा स्तर तक ले जाया जा सके। हम अपने युवाओं को उद्यमशीलता की भावना पैदा करके रोजगार चाहने वालों से रोजगार देने वालों में बदलने के लिए सशक्त बना रहे हैं। हम अपने युवाओं को समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए खेल की ताकत का भी उपयोग कर रहे हैं, इससे टीम भावना और बौद्धिक दक्षता का निर्माण होगा। युवा मामले और खेल राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में 15 से 29 वर्ष की आयु के युवा शामिल हैं, जो वर्तमान में पूरे देश की आबादी का 27.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं, यानी देश में हर चार लोगों में से लगभग एक व्यक्ति युवा है। भारत सबसे युवा देश है, जो बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा देती है। यह छात्रों को दुरुस्त रहने के अवसर देती है और उनके मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास में भी मदद करती है।...साथियो बात अगर हम उपरोक्त केंद्रीय और राज्य मंत्री द्वारा कही गई बातें वास्तविकता के धरातल पर क्रियान्वयन में दिख जाएगी तो हम बड़े सौभाग्यशाली हैं परंतु इसके लिए हम सबको साथ में सहयोग करना होगा विपक्ष कोभी इस दूरदर्शी रणनीतिक रोडमैप पर जांबाज़ी से सहयोग करना होगा। अगर हम इसे क्रियान्वयन करने में सफल होंगे तो हमारी 5 ट्रिलियन डॉलर वालीअर्थव्यवस्था का सपना शीघ्र ही साकार्य होगा क्योंकि हर हाथ में रोज़गार होगा रोज़गार वढूंढने वाले खुद रोज़गार का सृजन करेंगे। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो, हम पाएंगे कि भारत में बेरोजगारी दूर करने का सबसे स्थाई उपाय युवाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के सबसे बड़े कुछल कार्यबलमें बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना होगा तथा हर भारतीय में एक गॉड गिफ्टेड कुछल कारीगरी समाई हुई है जिसका हमें स्वयंस्फूर्ति से कुछल कार्यबल में बदलने का ज़ज़बा  जांबाज़ी से कार्यशील करना होगा।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्रभारत में बेरोजगारी दूर करने का स्थाई उपाय - युवकों को स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता को सबसे बढ़े कुछल कार्यबल में बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी 

हर भारतीय में गॉड गिफ्टेड कुछल कारीगरी समाई है - स्वयं  स्फूर्ति से कुछल कार्यबल में बदलने का ज़जबा कार्यशील करें - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में बेरोज़गारी की समस्या तो हम दशकों से पढ़ते -सुनते आ रहे हैं। परंतु पिछले वर्ष से जब से कोरोना महामारी का आगाज़ हुआ है, तब से अबतक बेरोज़गारी बढ़ने का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो कि अभी हाल ही में जारी हुई सीएमआईई और एमओएसपीआई रिपोर्ट में भी बेरोजगारी के वृद्धि को दर्शाया गया है।...साथियों बात अगर हम इस बेरोजगारी को दूर करने की करें तो इस प्रोजेक्ट में हम सभको मिलकर सहभागी होने की जरूरत है केंद्र और राज्य सरकारें, विपक्ष और सबसे अहम रोल हम नागरिकों का हैं। इस समस्यासे सभको मिलकर इससे लड़ाई में अपना योगदान देने की जरूरत है। हम टीवी चैनलों पर बेरोजगारी के संबंध में डिबेट देखते हैं जिसमें पक्ष और विपक्ष की दलीलें सुनते हैं, पर उनका समाधान करने की और मिलकर कदम बढ़ाने की बातें नहीं सुनी...। साथियों बात अगर आम बेरोजगारी का अंदाजा लगाने की करें तो उपरोक्त रेटिंग एजेंसीज द्वारा प्रतिशत के रूप में आंकड़ा अनेक लोगों की समझ में नहीं आता, परंतु अक्सर हम अखबारों तथा टीवी चैनलों के माध्यम से पढ़ते और सुनते हैं कि, जब एक हजार पदों के लिए किसी सरकारी विभाग ने आवेदन एक लाख से अधिक लोगों का आता है तो हमें समझ में आता है कि कितनी बेरोजगारी है। मेरा ऐसा मानना है कि आज कुछ अपवाद छोड़ दें तो हर व्यक्ति पढ़ लिखकर सरकारी या निजी क्षेत्र में जॉब करने की चाहना रखता है। परंतु उस अनुपात में नौकरियां सृजित नहीं हो पाती, और बेरोजगारी की खाई बढ़ती जा रही है। जिसके लिए हमें अब अपनी सोच को बदल कर स्वयंम पर विश्वास कर अपने गॉडगिफ्टेड बौद्धिक क्षमता और कुछल कार्यबल पर विश्वास कर स्वयं रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाना होगा, जिससे हम स्वयं तो रोजगार पा सकेंगे बल्कि अनेकों को रोजगार दे दी सकेंगे...। साथियों बात अगर हम बेरोजगारी की समस्या की करें तो  बुधवार 4 अगस्त 2021 को टीवी चैनल के एक डिबेट में कहा जा रहा था कि यह बेरोजगारी की समस्या डेमोग्राफिक डिजास्टर में तब्दील हो सकती है जिसे रोकने के लिए केंद्र या राज्य सरकारें और विपक्ष को भी साथ मिलकर सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है। हालांकि हम वर्तमान मानसून सत्र में देख रहे हैं कि पिछले पूरे दिनों से संसदसत्र का कामकाज ठप पड़ा है एक घंटा चल कर संसद स्थागित हो रही है और बिल पारित होने को लेकर चाट पपड़ी जैसी टिप्पणियों की जा रही है। जिसकी निंदा पीएम को भी करनी पड़ी...। साथियों बात अगर हम स्वयंरोजगार और आत्मनिर्भरता की करें तो केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए कदम में दिनांक 4 अगस्त 2021 को पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ पर आयोजित एक वेबीनार, युवा सशक्तिकरण और खेल विकास पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव, इस विषय पर एक वेबिनार में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा, एनईपी 2020 भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगा और इसका लक्ष्य भारत को दुनिया के सबसे बड़े कुशल कार्यबल में बदलना है। नई शिक्षा नीति में पीएम द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को साकार करने के निर्धारण कारक के रूप में कौशल विकास पर ज़ोर देनेके साथ भारत के युवाओं के समग्र विकास की कल्पना की गई है। यहां तक ​​कि मध्यम स्तर के छात्रों को भी व्यावसायिक कौशल जैसे बढ़ईगीरी, नलसाजी, बिजली की मरम्मत, बागवानी, मिट्टी के बर्तनों, कढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। नीति के तहत 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि स्कूल स्तरपर अर्जितव्यावसायिक कौशल को उच्च शिक्षा स्तर तक ले जाया जा सके। हम अपने युवाओं को उद्यमशीलता की भावना पैदा करके रोजगार चाहने वालों से रोजगार देने वालों में बदलने के लिए सशक्त बना रहे हैं। हम अपने युवाओं को समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए खेल की ताकत का भी उपयोग कर रहे हैं, इससे टीम भावना और बौद्धिक दक्षता का निर्माण होगा। युवा मामले और खेल राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में 15 से 29 वर्ष की आयु के युवा शामिल हैं, जो वर्तमान में पूरे देश की आबादी का 27.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं, यानी देश में हर चार लोगों में से लगभग एक व्यक्ति युवा है। भारत सबसे युवा देश है, जो बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा देती है। यह छात्रों को दुरुस्त रहने के अवसर देती है और उनके मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास में भी मदद करती है।...साथियो बात अगर हम उपरोक्त केंद्रीय और राज्य मंत्री द्वारा कही गई बातें वास्तविकता के धरातल पर क्रियान्वयन में दिख जाएगी तो हम बड़े सौभाग्यशाली हैं परंतु इसके लिए हम सबको साथ में सहयोग करना होगा विपक्ष कोभी इस दूरदर्शी रणनीतिक रोडमैप पर जांबाज़ी से सहयोग करना होगा। अगर हम इसे क्रियान्वयन करने में सफल होंगे तो हमारी 5 ट्रिलियन डॉलर वालीअर्थव्यवस्था का सपना शीघ्र ही साकार्य होगा क्योंकि हर हाथ में रोज़गार होगा रोज़गार वढूंढने वाले खुद रोज़गार का सृजन करेंगे। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो, हम पाएंगे कि भारत में बेरोजगारी दूर करने का सबसे स्थाई उपाय युवाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के सबसे बड़े कुछल कार्यबलमें बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना होगा तथा हर भारतीय में एक गॉड गिफ्टेड कुछल कारीगरी समाई हुई है जिसका हमें स्वयंस्फूर्ति से कुछल कार्यबल में बदलने का ज़ज़बा  जांबाज़ी से कार्यशील करना होगा।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्रभारत में बेरोजगारी दूर करने का स्थाई उपाय - युवकों को स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता को सबसे बढ़े कुछल कार्यबल में बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना ज़रूरी 

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गोंदिया - भारत में बेरोज़गारी की समस्या तो हम दशकों से पढ़ते -सुनते आ रहे हैं। परंतु पिछले वर्ष से जब से कोरोना महामारी का आगाज़ हुआ है, तब से अबतक बेरोज़गारी बढ़ने का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो कि अभी हाल ही में जारी हुई सीएमआईई और एमओएसपीआई रिपोर्ट में भी बेरोजगारी के वृद्धि को दर्शाया गया है।...साथियों बात अगर हम इस बेरोजगारी को दूर करने की करें तो इस प्रोजेक्ट में हम सभको मिलकर सहभागी होने की जरूरत है केंद्र और राज्य सरकारें, विपक्ष और सबसे अहम रोल हम नागरिकों का हैं। इस समस्यासे सभको मिलकर इससे लड़ाई में अपना योगदान देने की जरूरत है। हम टीवी चैनलों पर बेरोजगारी के संबंध में डिबेट देखते हैं जिसमें पक्ष और विपक्ष की दलीलें सुनते हैं, पर उनका समाधान करने की और मिलकर कदम बढ़ाने की बातें नहीं सुनी...। साथियों बात अगर आम बेरोजगारी का अंदाजा लगाने की करें तो उपरोक्त रेटिंग एजेंसीज द्वारा प्रतिशत के रूप में आंकड़ा अनेक लोगों की समझ में नहीं आता, परंतु अक्सर हम अखबारों तथा टीवी चैनलों के माध्यम से पढ़ते और सुनते हैं कि, जब एक हजार पदों के लिए किसी सरकारी विभाग ने आवेदन एक लाख से अधिक लोगों का आता है तो हमें समझ में आता है कि कितनी बेरोजगारी है। मेरा ऐसा मानना है कि आज कुछ अपवाद छोड़ दें तो हर व्यक्ति पढ़ लिखकर सरकारी या निजी क्षेत्र में जॉब करने की चाहना रखता है। परंतु उस अनुपात में नौकरियां सृजित नहीं हो पाती, और बेरोजगारी की खाई बढ़ती जा रही है। जिसके लिए हमें अब अपनी सोच को बदल कर स्वयंम पर विश्वास कर अपने गॉडगिफ्टेड बौद्धिक क्षमता और कुछल कार्यबल पर विश्वास कर स्वयं रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाना होगा, जिससे हम स्वयं तो रोजगार पा सकेंगे बल्कि अनेकों को रोजगार दे दी सकेंगे...। साथियों बात अगर हम बेरोजगारी की समस्या की करें तो  बुधवार 4 अगस्त 2021 को टीवी चैनल के एक डिबेट में कहा जा रहा था कि यह बेरोजगारी की समस्या डेमोग्राफिक डिजास्टर में तब्दील हो सकती है जिसे रोकने के लिए केंद्र या राज्य सरकारें और विपक्ष को भी साथ मिलकर सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है। हालांकि हम वर्तमान मानसून सत्र में देख रहे हैं कि पिछले पूरे दिनों से संसदसत्र का कामकाज ठप पड़ा है एक घंटा चल कर संसद स्थागित हो रही है और बिल पारित होने को लेकर चाट पपड़ी जैसी टिप्पणियों की जा रही है। जिसकी निंदा पीएम को भी करनी पड़ी...। साथियों बात अगर हम स्वयंरोजगार और आत्मनिर्भरता की करें तो केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए कदम में दिनांक 4 अगस्त 2021 को पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ पर आयोजित एक वेबीनार, युवा सशक्तिकरण और खेल विकास पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव, इस विषय पर एक वेबिनार में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा, एनईपी 2020 भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगा और इसका लक्ष्य भारत को दुनिया के सबसे बड़े कुशल कार्यबल में बदलना है। नई शिक्षा नीति में पीएम द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को साकार करने के निर्धारण कारक के रूप में कौशल विकास पर ज़ोर देनेके साथ भारत के युवाओं के समग्र विकास की कल्पना की गई है। यहां तक ​​कि मध्यम स्तर के छात्रों को भी व्यावसायिक कौशल जैसे बढ़ईगीरी, नलसाजी, बिजली की मरम्मत, बागवानी, मिट्टी के बर्तनों, कढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। नीति के तहत 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि स्कूल स्तरपर अर्जितव्यावसायिक कौशल को उच्च शिक्षा स्तर तक ले जाया जा सके। हम अपने युवाओं को उद्यमशीलता की भावना पैदा करके रोजगार चाहने वालों से रोजगार देने वालों में बदलने के लिए सशक्त बना रहे हैं। हम अपने युवाओं को समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए खेल की ताकत का भी उपयोग कर रहे हैं, इससे टीम भावना और बौद्धिक दक्षता का निर्माण होगा। युवा मामले और खेल राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में 15 से 29 वर्ष की आयु के युवा शामिल हैं, जो वर्तमान में पूरे देश की आबादी का 27.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं, यानी देश में हर चार लोगों में से लगभग एक व्यक्ति युवा है। भारत सबसे युवा देश है, जो बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा देती है। यह छात्रों को दुरुस्त रहने के अवसर देती है और उनके मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास में भी मदद करती है।...साथियो बात अगर हम उपरोक्त केंद्रीय और राज्य मंत्री द्वारा कही गई बातें वास्तविकता के धरातल पर क्रियान्वयन में दिख जाएगी तो हम बड़े सौभाग्यशाली हैं परंतु इसके लिए हम सबको साथ में सहयोग करना होगा विपक्ष कोभी इस दूरदर्शी रणनीतिक रोडमैप पर जांबाज़ी से सहयोग करना होगा। अगर हम इसे क्रियान्वयन करने में सफल होंगे तो हमारी 5 ट्रिलियन डॉलर वालीअर्थव्यवस्था का सपना शीघ्र ही साकार्य होगा क्योंकि हर हाथ में रोज़गार होगा रोज़गार वढूंढने वाले खुद रोज़गार का सृजन करेंगे। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो, हम पाएंगे कि भारत में बेरोजगारी दूर करने का सबसे स्थाई उपाय युवाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के सबसे बड़े कुछल कार्यबलमें बदलने का रणनीतिक रोडमैप बनाना होगा तथा हर भारतीय में एक गॉड गिफ्टेड कुछल कारीगरी समाई हुई है जिसका हमें स्वयंस्फूर्ति से कुछल कार्यबल में बदलने का ज़ज़बा  जांबाज़ी से कार्यशील करना होगा।

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