नया सबेरा नेटवर्क
प्रशासन की उदासीनता देख आंखे होती है नम
सुजानगंज,जौनपुर। क्षेत्र केविकासखंड से तकरीबन 16 किमी की दूरी पर सई नदी के किनारे स्थित सर्वेमऊ ग्राम सभा में आजादी की क्रांति में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारी और देश की आजादी के लिए अपना संपूर्ण जीवन देश के प्रति न्योछावर करने वाले आजीवन अविवाहित रहकर भारत मां की सेवा करने वाले देशभक्त आज जिस बदहाली मे जीवन यापन कर रहा है जिसे बयान करने मंे आंखे नम हो जाती हैं। ऐसे महापुरु ष के लिए शासन प्रशासन से लेकर सरकार तक सुध लेने वाला कोई नहीं है। जानकारी के मुताबिक10 जनवरी 1923 को सर्वेमऊ ग्राम सभा के राम श्रीनेत तिवारी के घर बड़े पुत्र के रूप में गंगा प्रसाद तिवारी का जन्म हुआ। बाल्यावस्था को प्राप्त करते करते इनके मन में भी देश प्रेम की भावना पनपने लगी और गांधी के आहवाह्न पर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जिले के अंबिका सिंह, राजनारायण मिश्र,भगवती लाल आदि के साथ आंदोलन में कूद पड़े। तत्कालीन पुलिस इनसे काफी परेशान हो गई। एक दिन सुजानगंज के बाभनपुर ग्राम सभा के पास सई नदी के किनारे आंदोलन से संबंधित कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे तभी पुलिस आ गई वे वहां से भाग गए और कई दिन तक फरार रहे अंत में 1943 में जब ये पृथ्वीगंज प्रतापगढ़ जिले के ढाकागंज गांव में एक मंदिर पर कोई स्वतंत्रता संग्राम की किताब पढ़ रहे थे तो पुलिस ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया जहां से इन्हे सुजानगंज थाना लाया गया। कई दिनो की यातना के बावजूद उन्होंने अपने साथियों का पता और नाम नही बताया फिर इनका मामला जिले में भेज दिया गया जहां से यह मामला प्रताप गढ़ के पट्टी में भेज दिया गया। जहंा के पट्टी न्यायलय से इन्हे सजा हो गई। सजा भुगतने के बाद ये अपने गांव वापस आ गए और गांधी के अहवाहन पर वर्धा चले गए जहंा गांधी के द्वारा आदेशित क्षेत्रों में जाने लगे और 1947 तक विभिन्न सम्मेलनों में शामिल हुए।आजादी के बाद वे वापस आ गए।सपनो का भारतगंगा प्रसाद तिवारी ने बताया की हम लोगो ने एक ऐसे देश की परिकल्पना की थी जहंा हर व्यक्ति का सम्मान हो युवाओ को ,किसानों और मजदूरों को सभी सुविधाए प्राप्त हो। हमने एक ऐसा भारत सोचा था जो उन्नतशील हो जहंा लोगो को आजादी के बाद उन दिक्कतों का समाना न करना पड़े जिसको आज़ादी के पहले था। उन्होंने कहा की आज देश में फैला भ्रष्टाचार गरीबी अन्य समस्याओं का मुख्य कारण नेता और अधिकारी वर्ग है। देश के तमाम योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। किसी को देश की फिक्र नहीं है सब केवल अपने बारे में ही सोचते है। इनके भतीजे अरु ण तिवारी ने कहा की कभी कोई आला अधिकारी इनसे मिलने नही आता। कभी कभी ये फूट फूट कर रोने लगते है अपने बीते दिनों को याद करके। उन्होंने बताया की देश को आजाद कराने में भूमिका होने के बावजूद भी हम सरकारी सुविधाओ से वंचित है हमने कई बार सड़क तथा बिजली और पानी के लिए उच्च अधिकारियों तक बात की लेकिन इसका कोई भी सकारात्मक उत्तर नही मिला और न ही अभी तक कोई कार्य हुआ। बड़े पिता की उम्र ज्यादा हो गई है बरसात में दरवाजे तक पानी लग जाता है और सड़क भी बदहाल है लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। यहां तक की 9 अगस्त को विकासखंड पर होने वाले कार्यक्रम में भी काफी देर इनको सूचना दी गई और खुद की व्यवस्था से आने को कहा गया लेकिन मेरे पास कोई व्यवस्था नहीं है अत: हम नही जा सके लेकिन किसी अधिकारी ने जानने का प्रयास तक नहीं किया।
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