नया सबेरा नेटवर्क
माध्यमिक शिक्षकों को हो रहा है व्यापक आर्थिक नुकसान
कई प्रकार के सरकारी अंशदान अभी नहीं जमा
जौनपुर। जिले के एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने हेतु शनिवार को सुधांशु शेखर त्रिपाठी, शिक्षक नेता, वाराणसी खंड, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एवं जयशंकर दूबे, उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ वाराणसी, के द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर युक्त पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक, संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी मंडल, एवं शिक्षा निदेशक माध्यमिक लखनऊ को पत्र भेजकर जनपद के एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों के खाते में सभी प्रकार के विभिन्न सरकारी अंशदानों को शीघ्र जमा कराने एवं समयबद्ध कार्यों को पूरा करने हेतु सिटिजन चार्टर लागू करने की मांग किया गया। श्री त्रिपाठी ने पत्र में मांग किया है कि जनपद में एनपीएस की स्थिति अच्छी नहीं है क्योंकि अभी तक फरवरी 19 तक का ही सरकारी अंशदान शिक्षकों के खाते में जमा किया जा सका है। इस प्रकार प्रदेश में जिला दो वर्ष छ: माह पीछे चल रहा है। इससे जिले के शिक्षकों को व्यापक आर्थिक नुकसान हो रहा है जिसकी भरपाई जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय या सरकार कोई भी नहीं कर सकता है। अत: शिक्षकों के हित में जिला विद्यालय निरीक्षक से पहली मांग है कि पिछले अवशेष आवश्यक धन का डिमांड शासन से शीघ्र करें तथा प्राप्त धन को शीघ्र जमा कराने का आदेश देने का कष्ट करें। साथ ही भविष्य में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि शिक्षकों के वेतन से कटौती के एक सप्ताह के अंदर उसी माह सरकारी अंशदान नियमित रूप से जमा कराई जाए। दूसरी मांग श्री त्रिपाठी ने किया है कि 13 फरवरी 2019 के शासनादेश के द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति तिथि के पश्चात सरकारी अंशदान विलंब से जमा करने से हुए नुकसान की भरपाई करने हेतु नियोक्ता का ब्याज आगणन अंशदान, अभिदाता का ब्याज आगणन अंशदान तथा पिछला अवशेष एकमुश्त सरकारी अंशदान एन पी एस खाते में जमा कराने का आदेश दिया गया था। अभी तक जिले में केवल 42 विद्यालयों को ही पिछला अवशेष एकमुश्त सरकारी अंशदान जमा किया जा सका है। तीसरी मांग श्री त्रिपाठी ने किया है कि जनपद में पिछले अवशेषों की कटौती अब तक शुरू नहीं किया गया है जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश था कि वर्तमान माह के साथ ही पिछले वर्षों के अवशेषों की भी कटौती की जाएगी। चौथी मांग यह है कि एनपीएस खाते में जमा करने के लिए माध्यमिक शिक्षकों के सातवें वेतन आयोग के एरियर से एवं प्रतिवर्ष देय महंगाई भत्तों से कटौती की गई है परंतु आज तक कोई भी धनराशि एन पी एस खाते में जमा नहीं किया गया है। पांचवी मांग है कि एनपीएस खाते का लेखा-जोखा रखने हेतु तथा लेखा पर्ची दिए जाने के लिए शासन द्वारा 10 मार्च 2017 को शासनादेश जारी किया गया था। जिसका अनुपालन जनपद में नहीं हो रहा है। छठी मांग यह है कि शिक्षकों का कार्य समय से नहीं होने से उनका मानिसक उत्पीड़न व आर्थिक नुकसान होता है। अत: समयबद्ध कार्यों के निपटारे हेतु जनपद में सिटीजन चार्टर लागू होना चाहिए। श्री त्रिपाठी ने वि·ाास व्यक्त किया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उपरोक्त समस्याओं का समाधान वरीयता से शिक्षकों के हित में होगा।
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