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कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति को नियंत्रण में लाने और अंदेशात्मक तीसरी लहर से निपटने तीव्र वैक्सीनेशन, सुपर स्प्रेडर इवेंट रोकना अत्यंत तात्कालिक जरूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से कोरोना महामारी अपना कहर चरम सीमा पर बरपा रही है।...बात अगर हम भारत की करेंतो कोरोना महामारी की दूसरी लहर भारत के लिए गंभीर संकट लेकर आई है और रोज बढ़ते संक्रमण केसों से स्थिति चिंतनीय बनी हुई है। परंतु हम भारतीय हैं हम डटकर मुकाबला करना जानते हैं और हम महामारी से भी मुकाबला कर रहे हैं, इस दुख और संकट की घड़ी में हम अपने परिवार के सदस्य भी खो रहे हैं। इस संकट की घड़ी में पूरा विश्व भी हमारे साथ आकर खड़ा है और तीव्र गति से मेडिकल संसाधनों की आपूर्ति कर रहा है।...बात अगर हम शासन - प्रशासन की करें तो गुरुवार दिनांक 6 मई 2021 को माननीय प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर वर्तमान स्थिति पर गंभीर चर्चा की और सभी राज्यों के चिकित्सीय हालातों कीसमीक्षा की और उनकी स्थिति और टीकाकरण अभियान की विस्तार से समीक्षा की और कोरोना के मामले, दवाइयों की कमी, वैक्सीनेशन की रफ्तार पर जिलेवार हालातों का जायजा लिया। रेमडेसीविर इंजेक्शन और दवाओंके उत्पादन बढ़ाने, वैक्सीनेशन को तेज करने सहित तमाम कोशिशों की जानकारी ली और राज्यों द्वारा वैक्सीन की बर्बादी पर भी समीक्षा की।...बात अगर हम कोरोना की तीसरी लहर की करें तो प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। उन्होंने कहा जिस तरीके से अभी दूसरी लहर में वायरस का प्रसार हुआ उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर का आना लगभग तय है और हमें इसके लिए अभी से तैयारी रखना होगा, पर उन्होंने कोरोना के नए वेरिएंट्स के ज्यादा संक्रमण संक्रमण होने की बात नकार दी राघव ने अप्रैल में भी कहा था दूसरी लहर का पीक़ इस माह के अंत तक आ सकता है जो सटीक बैठा। उन्होंने वैक्सीन के प्रभावी होने की बात भी कही उन्होंने बड़ी संख्या में मामले आने की बात भी कही और इसमें कमी लाने में वक्त लगेगा ऐसी बात कही लेकिन इस महीने के अंत में और दूसरे माह के शुरुआत में मामले कम होते देखेंगे। हालांकि एम्स के एक बड़े डॉक्टर ने टीवी चैनल पर कहा कि उन्होंने भी वैज्ञानिकों द्वारा बताएं तीसरी लहर के बारे में सुना है परंतु उन्होंने इसका आधार नहीं बताया है। जबकि एक ऐतिहासिक आधार है कि 1918 में स्पेनिश फ्लू में प्रथम और दूसरी वेव उसके बाद तीसरी लहर भी आई थी फिर वह बीमारी धीरे-धीरे चली गई।...बात अगर हम महामारी के संबंधमें न्यायपालिका की करें तो गुरुवार दिनांक 6 मई 2021 को एक सुनवाई में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई और कहा कि वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की बात कर रहे हैं उसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है उसका प्लान क्या है? और साथ ही बच्चों के टीकाकरण अभियान के बारे में भी सोचा जाना चाहिए। माननीय कोर्ट ने कहा कि आज अगर हम तैयारियां करेंगे तो तीसरे वेव से बेहतर ढंग से निपट सकेंगे। माननीय कोर्ट ने ऑक्सीजन पर यह बातें कहीं और आगे कहा कि बहुत से डॉक्टर नर्सेस घर खाली बैठे हैं, वे कोरोना की तीसरी लहर में अहम भूमिका निभा सकते हैं।...बात अगर हम कोरोना महामारी की तीसरी लहर की करें तो इतने बड़े वैज्ञानिक के आंकलन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। मेरी निजी राय है कि इसके लिए मेडिकल संसाधनों, माननीय मेडिकल संसाधनों, अस्पतालों दवाइयों, इंजेक्शनो, ऑक्सीजन, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को तीव्र गति से बढ़ाने के लिएअत्यंत तात्कालिक रुप से रणनीति रोडमैप तैयार करना होगा। जिसमें हमें घरों में बैठे, सेवानिवृत्त या अन्य किसी कारण से मेडिकल सेवा में न जुड़े डॉक्टरों, नर्सों, तकनीकीज्ञों को सेवा में लाने की रणनीति तथा अन्य संसाधनों को उपलब्ध करने की योजना एक्सपर्ट और विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा बनाना अत्यंत जरूरी है। अभी हम देख रहे हैं कि इस दूसरी लहर में ही ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, इंजेक्शन इत्यादि संसाधनों की कमी महसूस की जा रही है तो तीसरी वेव में तो इससे अपेक्षाकृत अधिक संसाधनों की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए रणनीतिक रोडमैप तैयार कर उसकी उपलब्धि की सुनिश्चितता करना अत्यंत अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि बुधवार दिनांक 5 मई 2021 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी जनता के नाम वर्चुअल संदेश में तीसरी लहर संबंधी चर्चाकी, अगर यह आती है तो महाराष्ट्र ने इसके लिए खास तैयारियां करना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि दिनांक 6 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने भी भारत सरकार की एक सुनवाई में महामारी से निपटने मुंबई मॉडल की चर्चा की और सबका ध्यान इस मॉडल परआया और टीवी चैनलों पर हमने इस मॉडल के बारे में चर्चाएं सुने। उल्लेखनीय है कि अभी एक दिन पूर्व ही माननीय पीएम ने फाइनल एमबीबीएस विद्यार्थियों बीएससी (नर्सिंग) जीएनएम विद्यार्थियों की सेवाएं कोरोना महामारी में लेने की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में विदेशों से भारत में काफी मात्रा में मेडिकल संसाधनों की मदद आ रहीं हैं जिसमें भारी मात्रा में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, इंजेक्शन सहित अनेक संसाधन शामिल है जिसमें राज्यों और अस्पतालों में बांटने के लिए सरकार द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर याने एसओपी तीव्रता से बनाकर संसाधनों को जरूरतमंद अस्पतालों तक पहुंचाना जरूरी है। टीवी चैनलों पर हमने सुने और देखे कि पहली खेप विदेशों से 25 अप्रैल 2021 को आई थी लेकिन एसओपी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2 मई 2021 को जारी की थी।एक सप्ताह लगगया एसओपी बनानेमें जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तुरंत एसओपी बनाकर संसाधनों को हैंडओवर करना है। यहां पल-पल मरीजों के प्राण बचाने के लिए इमरजेंसी जरूरी है। अतः उपरोक्त सभी बातों का हम विश्लेषण करें तो तीसरी लहर के आने के संकेतों को गंभीरता से लेकर मेडिकल, मानवीय संसाधनों की तैयारियों के लिए रणनीतिक रोडमैप अत्यंत तात्कालिक रूप से बनाना और वर्तमान दूसरी लहर को नियंत्रण में लाने तीव्र गति से वैक्सीनेशन, सुपरस्प्रेडर इवेंट रोकना, लोगों के प्राण बचाने ऑक्सीजन सप्लाई संसाधनोंके वितरण की एसओपी बनाने को प्राथमिकता देना जरूरी है।
-संकलनकर्ता लेखक- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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