नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। कोरोना की दूसरी लहर के बाद से अधिकांश डेंटल हास्पिटल बंद चल रहे हैं जिसके कारण बहुत से दंत एवं मुख रोग के रोगियों को इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में सभी आमजन को अपने ओरल हाइजीन का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। विद्या डेंटल हास्पिटल रिसर्च एंड ट्रामा सेंटर के वरिष्ठ दंत रोग विशेषज्ञ डा. सौरभ उपाध्याय ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के बाद इन दिनों ब्लैक फंगस का खतरा है। उसको लेकर लोगों में असमंजस और घबराहट है। अगर लोग प्रतिदिन नियमित रूप से गुटखा, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी, दोहरा आदि का सेवन कर रहे हैं तो इन आदतों को छोड़कर सावधान हो जाइये। इस कोरोना के संक्रमण काल में आप खुद से गंभीर कोरोना संक्रमण को दावत दे रहे हैं। मुंह में पान सुपारी, दोहरा, गुटखा आदि चबाने से लार प्राप्त अधिक बनता है जिससे बार-बार थूकना पड़ता है। इससे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बीड़ी और सिगरेट से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में अगर सिगरेट, बीड़ी पीने वाले लोग कोरोना संक्रमण के शिकार होते हैं तो उन पर वायरस खतरनाक ढंग से प्रभाव डालता है, इसलिये इस समय गुटका, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी, दोहरा से बचते हुए नियमित रूप से मुँह और दाँतों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। दाँत व मुह की बीमारी से खून, हृदय मधुमेह, गुर्दा व सांस से सम्बन्धित समस्या भी बढ़ने लगती है। डा. सौरभ ने बताया कि कोरोना से बचने के लिये जिस तरह हम मास्क का उपयोग करते हैं। उसी प्रकार हमें क्लोहेक्सड़ीन माउथवास का उपयोग बाहर जाने से पहले और बाहर से आने के बाद निश्चित रूप से करना चाहिये। इससे हमारे मुंह के अन्दर किसी भी प्रकार के इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। महामारी के दौर में अपने टूथब्रश को परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग जगह ढककर रखना चाहिये। इससे परिवार में संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है। कोरोना संक्रमण के पीड़ित व्यक्ति को अपने मुँह एवं दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिये। संक्रमण के दौरान स्टेराइड के सेवन से मसूड़ो में सूजन, दाँतों का घिसाव व ब्लैक फंगस आदि बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना संक्रमण में मरीज को संक्रमण मुक्त होने के बाद तुरन्त अपने टूथब्रश को बदल लेना चाहिये। संक्रमण खत्म होने के बाद दाँतों के दर्द, दाँतों के कमजोर महसूस होने पर, जबड़ों में दर्द या खिचाव होना ये ब्लैक फंगस होने के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में अपने शुगर (यदि है तो) ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, नियमित रूप से जाँच कर नियंत्रण में रखें। चेहरे के एक तरफ सूजन या सुन्न होने पर तुरन्त अपने दंद चिकित्सक से सम्पर्क करें और अपना फंगस टेस्ट करवायें, मास्क लगायें और समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहें। आसपास साफ-सफाई रखे और पौष्टिक आहार लें। जितना हो सके हास्पिटल जाने से बचें। आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस के अनुसार हवा द्वारा, सतह और एरोसाल से कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा होता है। डेंटल क्लीनिक में एरोसाल का खतरा ज्यादा होता है। उन्हीं दंत चिकित्सकों की सेवाएं लें जो कोरोना की गाइडलाइंस का पूर्णतया पालन करते हो। उन्होंने कहा कि झोला छाप डाक्टरों के चक्कर में पड़कर दंत चिकित्सा न करवाएं। गंभीर बीमारियों को न्योता न दें। एक-दूसरे से निश्चित दूरी बनाकर ही हम कोरोना से जंग जीत सकते हैं। बहुत से दंत चिकित्सकों ने अपने टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए हैं। जरूरी होने पर ही डेंटल हास्पिटल में जाय, अन्रूथा अपने दंत चिकित्सक से टेलीफोनिक परामर्श लें।
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