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अनुशासन में हैं अब सारे।
हुआ संक्रमण कम।।
थी तबाही जो चरम।
अब हुई है कम।।
सावधानी इस प्रकार।
चले यदि क्रमवार।।
महामारी जाने की।
तय बनना आसार।।
मूर्खता अब वाला।
हो ना कोई काम।।
खत्म हो निरसता।
पसरी जो तमाम।।
सख्त रहे सरकार।
बढ़ जाए सुविधाएं।।
लिप्त गलत जो काम में।
फौरन उसे हटाएं।।
कृष्णेन्द्र राय
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