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संकट की अभूतपूर्व घड़ी में एक लक्ष्य - सबका साथ कोरोना को मात रणनीति जरूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में कोरोना वायरस के तीव्रता से बढ़ते संक्रमण से अभूतपूर्व संकट की इस घड़ी में पूरा विश्व आज भारत के साथ खड़ा है और अनेक स्वास्थ्य सेवाओं का पहुंचना शुरू हो गया है। विश्व के अनेक पूर्ण विकसित देश अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दुबई, सिंगापुर, इजराइल के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) और यूरोपीय संघ ने भी स्थिति से निपटने में मदद करने के लिए भारत को तत्काल सहायता देने की घोषणा की है और सभी देशों ने चिकित्सीय ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मास्क, हेडशील्ड, हैंड ग्लोज इत्यादि अनेक सेवाओं को विमानों द्वारा भारत में पहुंचाया जा रहा है और सहायता कर मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भी वैश्विक स्तर पर बड़े देशों से संवाद किया जा रहा है। पीएम ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, जापान के प्रधानमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत कर हालात का जायजा दिया है,और माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने मंगलवार 27 अप्रैल 2021 को बड़े अधिकारियों के साथ कोरोना पर मीटिंग करके चर्चा की और स्वास्थ्य सुविधाओं, ऑक्सीजन प्लांट, इत्यादि के संबंध में चर्चा हुई और राज्यों के साथ मिलकर काम करनेपर जोर दिया।.....बात अगर हम भारत के रक्षा मंत्रालय की करें तो इस महामारी, संक्रमण की घड़ी में भारतीय सेना के तीनों अंग तैयार हैं। दो दिन पूर्व ही सीडीएस रावत साहब ने माननीय प्रधानमंत्री महोदय से मुलाकात की और बताया कि रिटायर्ड और वीआरएस ले चुके डॉक्टरों से संपर्क किया जा रहा है और उनकी सेवाएं भीषण कोविड-19 महामारी से जंग लड़ने के लिए ली जाएगी और पीएम ने सेनाओं संबंधी समीक्षा और महामारी में उनकी तैयारी और योजनाओं की समीक्षा की ऐसा मीडिया द्वारा जानकारी दी गई। मंगलवार दिनांक 27 अप्रैल 2021 को माननीय रक्षा मंत्री महोदय ने भूतपूर्व सैनिक अंशदान स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस)के तहत चलाई जा रही 51 चिकित्सीय सुविधाओं में अतिरिक्त संविदात्मक कर्मचारियों की 3 माह के लिए नियुक्ति को मंजूरी दी तथा देश के राज्यपालों के साथ संपर्क साधा और कहा कि अपने-अपने राज्यों में इस भीषण महामारी के दौर में हर स्तर पर सहायता प्राप्त करने के लिए भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएं लेने को कहा। ऐसी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर दी गई है। रक्षा मंत्री ने राज्यपालों से उनके राज्य में कोरोना महामारी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी ली और इस अभूतपूर्व महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य प्रशासन को विश्वास में लेने का आग्रह किया है। आज हम देख रहे हैं कि भारतीय वायुसेना युद्ध स्तर पर चिकित्सा ऑक्सीजन को बहुत तीव्रता से देश के अनेक जरूरतमंद नगरों तक पहुंचाकर पीड़ितों, मरीजों की जान बचा रहा है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारी सेनाएं तैयार है और कहा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य में रहने वाले पूर्व सैनिकों, नर्सों, लैब तकनीशियन और सेना के पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जा सकती है। सेना के तीनों अंगों सहित रक्षा मंत्रालय की अन्य इकाइयां भी कोरोना वायरस मामलों की बढ़ोतरी से निपटने के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में उनकी सहायता दी जा सकती है।... उधर भारतीय वायुसेना कोविड-19 अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सीय उपकरणों का परिवहन भी बड़ी तेजी के साथ कर रहा है बयान में कहा गया कि दिल्ली के बेस अस्पताल और सभी सैन्य स्टेशनों पर स्थित सर्विस अस्पताल अधिकतम भूतपूर्व सैनिकों को समायोजित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। अगर हम पिछले कुछ दिनों से देखें तो करीब-करीब सभी शासकीय तंत्र व संस्थाएं तीव्र एक्शन मोड में आई है। भारतीय सेनाएं, भारतीय इलेक्शन कमिशन, कुछ राज्यों के हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट द्वारा अब एक्शन उठाना शुरू कर दिया है। इलेक्शन कमिशन द्वारा आज 27 अप्रैल 2021 को पांच राज्यों में, 2 मई 2021 को होने वाली मतगणना के परिणाम के बाद विजेताओं के लिए जुलूस और शोर-शराबे पर पाबंदी लगा दी है और प्रमाण पत्र लेने के लिए भी दो व्यक्तियों के साथ होने की अनुमति दी है। 26 अप्रैल 2021 को ही माननीय दिल्ली, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, और मद्रास हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की थी। 27 अप्रैल 2021 को भारतीय सुप्रीमकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र व राज्य सरकारों को शुक्रवार 30 अप्रैल 2021 को इस संबंध में एफिडेविट दाखिल करने को कहा है। भारतीय सेना वायुसेना कोविड-19 अस्पतालों को ऑक्सीजन परिवहन सेवा में तीव्रता से सेवा दे रहा है। डीआरडीओ की फुल एक्शन मोड में है और अनेक जगहों कोविड-19 अस्पतालों में बेड की व्यवस्थाएं करने में जुटा हुआ है। निजी सामाजिक संस्थाएं भी अपनी बहुमूल्य सेवा जो हमेशा हर विपरीत परिस्थितियों में सेवाएं देने के लिए तैयार रहती है, इस महामारी के संकट के समय में भी अपनी सेवाएं दे रही है। कुल मिलाकर अगर संपूर्ण स्थिति का विश्लेषण करें तो इस संकट की घड़ी में सबका साथही लक्ष्य होना चाहिए सभका साथ - कोरोना को मात, आज हम सभ आपसी तालमेल से मिलकर महामारी से लड़ाई करेंगे तो निश्चित रूप से जीत हमारी होगी और कोरोना महामारी को हारना ही होगा।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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