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खुटहन, जौनपुर। गढ़ा गोपालापुर गांव में आयोजित मानस प्रवचन में अयोध्या से पधारे स्वामी प्रेमनाथ रामायणी जी महराज ने श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा और कर्तव्य का पालन ही आदमी को महान बनाता है। इसके बल पर मनुष्य समाज में उत्कृष्ठ स्थान हासिल कर इहलोक से मुक्ति पा सकता है। स्वयं भगवान राम भी इसका पालन कर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
श्री महराज ने रामायण की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यह एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं वरन इसमें सफल जीवन जीने की सूक्ति छिपी हुई है। बाल्यावस्था से लेकर शिक्षा, गृहस्थ आश्रम और रोजी रोटी के चक्कर में देश विदेश बहिर्गमन के दौरान हमारा आचार, बिचार, कर्तव्य, ब्यवहार आदि परिवार व अन्य लोगों के साथ कैसा हो। रामायण इसका संविधान है। जब भी आप किसी समस्या से ग्रसित हो या मन काम, क्रोध, मद, मोह और लोभ की तरफ विचलित हो रहा हो। आप समय निकाल कर इस धर्म ग्रंथ को एक बार पढ़ लीजिए। खुद आपका अंतःकरण पवित्र हो जायेगा। आप मन के वशीभूत न रहकर स्वयं की आत्मा से एकाकार हो जायेगे। उसके बाद वही रास्ता चुनेगे जो सत्य की तरफ जाता है। उन्होने भगवान राम के अवतरण से लेकर स्वयंवर तक की कथा सुनाकर पूरे पांडाल में भक्ति की गंगा बहा दी। महिला श्रद्धालु भगवान के जन्म पर सोहर तो स्वयंबर होते ही मांगलिक गीत गाने लगी। उपस्थित श्रद्धालु भगवान की जयकार करते रहे। इस मौके पर पूर्व एसओ सत्यनारायण तिवारी, अमर नाथ तिवारी सभापति, राम अनंद पाण्डेय, नंदलाल, राय साहब सिंह, जगपति तिवारी आदि मौजूद रहे। आयोजक काशीनाथ तिवारी ने आगंतुको का स्वागत और भैयालाल तिवारी ने आभार प्रकट किया।
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