नया सबेरा नेटवर्क
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केकरा से खेलब् रंगनवा, पिया हो जनि जा बहरवा
काटइ के दउड़े फगुनवा, पिया हो जनि जा बहरवा
सखियां सहेलियां गुलाल लेके अइहें
संइयां बेदरदी बा कहिके चिढ़इहें
आखिर करब् का बहनवा, पिया हो जनि जा बहरवा
काटइ के दउड़े फगुनवा, पिया हो जनि जा बहरवा
गोझिया मिठइया बनाइ के करब् का
होलिया के दिन घूटि-घूटि के मरब् का
हरदम निहारब् मोहरवा, पिया हो जनि जा बहरवा
हमरा के छोड़ि के शहर गर जइब
डर बा शहरवा से सौतन लिअइब
जिनगी में बोउबऽ जहरवा, पिया हो जनि जा बहरवा
खेतवा में खटिके खाब्, चाहे नाहि पइसा
का बा शहरवा में गंउवा के जइसा
सुनि लेतऽ हमरो कहनवा, पिया हो जनि जा बहरवा
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पंकज तिवारी
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