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कई बेगुनाह लोगों को जेल जाने से बचाया
लखनऊ। आखिर समाज किधर जा रहा है। कोई दो गज जमीन के लिए अपनों का खून बहा रहा है तो कोई मामूली कहासुनी के बाद निर्दोषों को ही जेल भिजवाने के अपने शरीर पर गोलियों की बौछार करवा ले रहा है। एक ऐसा ही मामला मड़ियांव थानाक्षेत्र में मंगलवार की देर रात देखने को मिला। जहां भाजपा के सांसद कौशल किशोर के 40 वर्षीय बेटे आयुष को छठा मील के पास गोली मार दी गई। सांसद के बेटे के ऊपर गोलियों की बौछार होने की खबर मिलते ही मानों पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में डीसीपी उत्तरी रईस अख्तर सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर भेजा। सांसद के बेटे को गोली किसने और क्यों मारी पुलिस गहनता से जांच-पड़ताल करने में जुट गए। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि आयुष को गोली किसी पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि 3-4लोगों को फंसाने के लिए खुद ही अपने साले आदर्श के जरिए गोली मरवाकर जख्मी कर लिया था। छानबीन के बाद पुलिस आयुष के साले आदर्श को घटना में इस्तेमाल पिस्टल सहित गिरफ्तार कर लिया।
घर से टहलने के लिये निकला था मेरा बेटाः सांसद
ट्रामा सेंटर अपने बेटे आयुष को देखने पहुंचे सांसद कौशल किशोर से मीडिया ने सवाल किया तो बोले मेरा बेटा आयुष मंगलवार की रात अपने साले आदर्श के साथ टहलने के लिए छठा मील गया था और वहीं पर कुछ लोगों ने गोली मार दी। सांसद के मुताबिक उनके बेटे ने बताया कि उसे किसने गोली मारी पहचान नहीं पाया। उन्होंने बताया कि फिलहाल बेटे की हालत खघ्तरे से बाहर है और पुलिस मामले को गंभीरता से छानबीन कर रही है। गौर करें तो एक तरफ जहां अस्पताल में पहुंच कर सांसद कौशल किशोर बेटे को देखने के बाद तरह-तरह की सफाई पेश करने में जुटे हुए हैं जबकि आयुष के साले आदर्श पुलिस हिरासत में होते ही पूरे मामले को बेनकाब कर दिया। पुलिस की पूछताछ में आदर्श ने बताया कि चन्दन गुप्ता, मनीष जायसवाल, प्रदीप कुमार सिंह सहित अन्य कुछ लोगों को फंसाने के लिए आयुष ने नाटकीय ढंग से कहानी रची। अपने जीजा का फरमान मिलते ही आदर्श पिस्टल लोड किया और आयुष के ऊपर गोलियों की बौछार कर दी। हालांकि इस गोलीबारी में आयुष को मामूली छर्रे लगे। डीसीपी उत्तरी रईस अख्तर के मुताबिक मामले की छानबीन करने के बाद आयुष के साले आदर्श को घटना में इस्तेमाल पिस्टल सहित गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस की सूझ-बूझ से जेल जाने से बचे निर्दोष
वैसे देखा जाए तो अक्सर पुलिस के प्रति लोग-बाग किसी न किसी बात को लेकर अंगुलिया उठाते रहते हैं लेकिन मंगलवार की देर रात मड़ियांव क्षेत्र में हुई घटना में पुलिस की सक्रियता और इमानदारी सही साबित हुई और निर्दोष सलाखों के पीछे जाने से बच गए। इससे पहले भी भाजपा नेता ने दूसरों को फंसाने के लिए खुद को गोली मरवा लिया था। 3 दिसंबर 2018 की रात भाजपा नेता प्रत्युषमणि त्रिपाठी साजिश के तहत खुद पर हमला करवा लिया था। ऐसा करने के पीछे उनका मकसद घर के सामने हुए विवाद के आरोपियों को जेल भिजवाने और सुरक्षा लेने के लिए था लेकिन हमले के दौरान शरीर से काफी खून गिर गया और ट्रामा सेंटर ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
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