नया सबेरा नेटवर्क
गोरखपुर। केंद्र सरकार निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने के लिए अध्यादेश लाए। केंद्र सरकार जिस तरह अन्य मुद्दों पर अध्यादेश जारी कर संसद में बिल पास कराकर कानून बनाए हैं, उसी तरह से प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करें। केन्द्र सरकार लगभग सभी सरकारी संस्थानों को निजी क्षेत्र को दे रही है। इससे सरकारी नौकरियां नहीं मिलने वाली है, इसलिए युवा बेरोजगार होता जा रहा है। प्राइवेट सेक्टर ही एक मात्र स्थान है जहां नौकरियां मिलने की गुंजाइश है, इसलिए एकमात्र विकल्प है कि प्राइवेट सेक्टर में तत्काल प्रभाव से आरक्षण लागू किया जाए। उक्त बातें अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष धु्रव चन्द जायसवाल ने कही। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र से लेकर राज्य की सरकारें अनेक तरह की रियायतें निजी क्षेत्र को देती हैं। वह रुपया पैसा किसी न किसी रूप में गरीब-अमीर जनता द्वारा दिया हुआ टैक्स के रूप में होता है, इसलिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण के माध्यम से नौकरी मिलनी चाहिए। प्राइवेट सेक्टर को सरकार से कहां-कहां रियायत मिलती हैं एक छोटा सा उदाहरण है कि जमीन सरकार मुहैया कराती है सस्ते रेट पर, बैंकों से ऋण भी सस्ते-दर पर दिलाती है, बिजली उपलब्ध कराती है समेत अनेक रियायतें भी देती है। शुरुआत में टैक्स में भी छूट देती है। गरीब जनता नमक से लेकर खाद्यान्न, तेल, साबुन एवं हल्दी मिर्च, मसाला, दवाईयां, गैस सिलेंडर आदि जो भी सामान खरीदती है। यहां तक बस एवं ट्रेन से सफर करने पर टैक्स के रूप में सरकार को धन उपलब्ध कराती है। उसी पैसे से सरकार पूजीपतियों को अनेक रियायतें देती हैं, यह सर्वविदित है। श्री जायसवाल ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपना व्यापार तेजी से बढ़ा रही हैं। इनका मुकाबला करना छोटे एवं मझोले व्यापारियों की बस की बात नहीं है। युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ी जो अध्ययनरत है, वह सरकारी नौकरियां पाने से वंचित हो जाएगी और रोजगार से भी महरूम हो जाएगी, इसलिए केंद्र सरकार जितना जल्दी हो सके प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लागू करें तभी मेरा भी समाज आरक्षण का लाभ कुछ सेक्टरों में आसानी से अपने अनुभवों के आधार पर प्राप्त कर सकता है, इसीलिए इसके पूर्व भी जनगणना के साथ ही जाति आधारित जनगणना कराने की पुरजोर मांग महासभा द्वारा की जा रही है। जाति-आधारित जनगणना से ही जनसंख्या के आधार पर ही आरक्षण होगा तभी मेरा समाज भी आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे नौकरशाहों एवं बड़े पूजीपतियों का गठजोड़ हो गया है। एक छोटा सा उदाहरण है। बिना आईएएस की ट्रेनिंग पास किए ही केन्द्र सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारी बना दिए। उनमें से एक भी पिछड़ा, दलित, आदिवासी एवं अन्य सवर्ण के लोग भी सचिव स्तर के अधिकारी नहीं बनाये गये हैं। इसका परिणाम यह होगा कि गिने-चुने हुए सवर्ण समाज के लोगों के हाथ में बागडोर दी जाएगी। अन्य सवर्ण, पिछड़े, दलितों एवं आदिवासियों को छोटे-छोटे काम दिए जाएंगे। पढ़े-लिखे युवाओं एवं बाकी लोगों का भविष्य अंधकार दिखाई देने लगेगा है, क्योंकि सरकारी नौकरियां धीरे-धीरे समाप्त की ओर बढ़ रही हैं और प्राइवेट सेक्टर के हाथों में सरकारी संस्थाएं जा रही हैं, इसलिए सभी को एक स्वर में प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग भी करनी चाहिए। श्री जायसवाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी अपने समाज के लोगों से पूछेगी कि जब सरकारी नौकरियां कम हो रही थी, प्राइवेट सेक्टर हावी हो रहा था तो आप लोगों ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग क्यों नहीं की, इसलिए समय रहते जाग जाएं और सरकार पर दबाव बनाकर के प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की मांग करें। यह मेरा हक है तभी आरक्षण प्राइवेट सेक्टर में मिलेगा।
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