नया सबेरा नेटवर्क
सब कुछ हो गया पराया पराया।
तेरा आना किसी को ना भाया।
मम्मी बोले हाथ धोए।
घर से बाहर कहीं ना जाए।
सखा सहेली सब भूल जाए।
स्कूल की टीचर की याद सताए।
नानी का घर हमें बुलाए।
शोपिंग के लिए मन ललचाए।
बर्थडे फीका फीका पड़ जाए।
ओ कोरोना तू बता हम छोटे छोटे बच्चे कैसे अपना दिल बहलाए।
तेरा भय इतना सताए।
कोरोना तुझसे नहीं डरते हम।
हममें है तुझसे लड़ने का दम।
सोशल डिसटेंसिंग निभाएंगे।
गुड सिटिज़न बनकर दिखाएंगे।
सरकार के रूल्स अपनाएंगे।
घर मे बैठकर तुझे हराएंगे
और फिर अपना जीवन खुशहाल बनाएंगे.
युवा लेखिका शिल्पी त्रिपाठी जौनपुर उत्तर प्रदेश
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